बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल का सफर शानदार, हर किरदार में फूंकी जान

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर . हेमा मालिनी का जीवन खुली किताब है. पतली दुबली लड़की का तमिल फिल्म से नकारा जाना, हिंदी फिल्मों में आना फिर अपने डांसिंग स्किल से सबको हैरान कर देना कैनवास बहुत बड़ा है. कई एक्ट्रेस सिल्वर स्क्रीन पर आईं और छा गईं लेकिन हेमा जैसी कोई नहीं रही. पर्दे के हर किरदार को खूबसूरती से अपना बना लिया. शोले में धन्नो की बक बक करती बसंती का किरदार मिला तो उसमें रम गईं, ड्रीम गर्ल हो, मीरा बाई हो या फिर स्वामी विवेकानंद की मां दुर्गा हो एक्ट्रेस ने हर भूमिका को शिद्दत से निभाया.

वो 1948 के 15-16 अक्टूबर की दरमियानी रात थी (हेमा मालिनी द ऑथराइज्ड बायोग्राफी) जब तमिलनाडु के एक गांव में जया चक्रवर्ती ने एक बच्ची को जन्म दिया. दशहरे के बाद जन्मी थीं चक्रवर्ती परिवार की बिटिया. पूरा परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का था. मां लक्ष्मी जी की अनन्य भक्त इसलिए बेटी को नाम मिला हेमा मालिनी.

हेमा दो भाइयों की इकलौती बहन थीं. शुरू से ही शास्त्रीय नृत्य की ट्रेनिंग दी गई. तमिल फिल्मों में करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया. कई शोज में इस बारे में एक्ट्रेस ने बात भी की है. धक्का पहुंचा, बुरा लगा लेकिन हार नहीं मानी और तब जाकर हिंदी फिल्म में एक ब्रेक मिला.

1969 में ‘सपनों के सौदागर’ में राज कपूर के अपोजिट काम किया. पतली दुबली हेमा को पसंद किया जाने लगा. 1970 में तीन बड़ी फिल्म रिलीज हुई ‘तुम हसीन मैं जवान’, ‘अभिनेत्री’ और ‘जॉनी मेरा नाम’. तीनों फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुईं. इसके बाद साल दर साल कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ती गईं.

1972 में ‘सीता और गीता’ में हेमा ने डबल रोल किया. ये भी उस दौर की लीक से हटकर की गई फिल्म थी. दिलीप कुमार के ‘राम और श्याम’ की तर्ज पर महिला पात्रों पर केंद्रित फिल्म. दो जुड़वा बहनें जिनका अंदाज एक दूजे से बिल्कुल जुदा. हेमा ने दोनों ही कैरेक्टर्स के साथ पूरा पूरा न्याय किया. संजीव कुमार और धर्मेंद्र दोनों ने उनके अपोजिट काम किया.

1998 में आई एक फिल्म ‘स्वामी विवेकानंद’ दूरदर्शन पर रिलीज हुई. विवेकानंद के जीवन पर गढ़ी कहानी में हेमा ने मां दुर्गा का किरदार निभाया. अपने आप में अनूठा. शायद मेन स्ट्रीम सिनेमा की पहली सुपरस्टार होंगी जिन्होंने दुर्गा मां की भूमिका अच्छे से निभाई. ऐसा लगा मानो शक्ति से सीधा साक्षात्कार हो रहा है.

1975 में गुलजार की ‘खुशबू’ में भी हेमा खूब महकीं. किरदार कुसुम को जिंदा कर दिया था. 2003 में ‘बागबान’ से जब सालों बाद कमबैक किया तब भी वही जोश और जुनून दिखा.

जितेंद्र, संजीव कुमार और धर्मेंद्र के नाम हेमा से जुड़े. इस बात का जिक्र उनकी जीवनी ‘हेमा मालिनी द ऑथराइज्ड बायोग्राफी’ में भी है. जिसमें एक्टर ने इसकी चर्चा की थी.

लेकिन फिर शादी ही मैन धर्मेंद्र से की. धर्मेंद्र जो पहले से ही शादीशुदा थे और 4 बच्चों के पिता भी थे. लेकिन कृष्ण भक्त हेमा ने रिस्क लिया और शादी की.

पद्म श्री से सम्मानित ड्रीम गर्ल ने 155 से ज्यादा फिल्में की तो छोटे पर्दे पर नूपुर के जरिए भी दस्तक दी. ‘दिल आशना है’ फिल्म प्रोड्यूस और डायरेक्ट भी की. रील से लेकर रियल तक हर किरदार को लगन, ईमानदारी और सच्चाई से निभाया. मां के तौर पर ईशा -अहाना को पाला पोसा, राज्य सभा पहुंची फिर लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाई. मथुरा से एक बार नहीं बल्कि तीन बार सांसदी जीती, कला के प्रति समर्पण अब भी जारी है.

केआर/