नई दिल्ली, 15 अक्टूबर . ‘आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते, लेकिन, अपनी आदतें बदल सकते हैं और निश्चित रूप से आपकी आदतें, आपका भविष्य बदल देंगी.’ देश के 11वें राष्ट्रपति रह चुके एपीजे अब्दुल कलाम की ऐसी तमाम बातें आज भी लोगों को प्रोत्साहित करती हैं.
‘मिसाइल मैन’ के नाम से मशहूर कलाम साहब का आज 93वां जन्मदिन है. सौम्य, सादगी, ईमानदारी के प्रतीक और देश के प्रति समर्पित रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित धनुषकोडी में हुआ था. उन्होंने भारत के पहले सैटेलाइट ‘लॉन्च व्हीकल एसएलवी-3’ को विकसित करने में निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके जीवन के कई किस्से हैं, जो लोगों को बहुत प्रभावित करते हैं.
पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक कलाम साहब का शिक्षा और विद्यार्थियों के प्रति विशेष झुकाव था. इसलिए हर साल उनके जन्मदिन के दिन 15 अक्टूबर को ‘विश्व विद्यार्थी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. हमेशा शिक्षा के समर्थक रहे अब्दुल कलाम का मानना था कि छात्र शक्ति से दुनिया के विकास पर विशेष प्रभाव डाला जा सकता है.
पूर्व राष्ट्रपति की बातों के साथ उनकी कई आदतें भी लोगों पर खासा प्रभाव डालती थी, तभी उनके चाहने वालों द्वारा उनके कई चीजों को फॉलो किया जाता रहा है. जब, उनके द्वारा लंबे बालों में बीच की मांग रखा गया तो उसका भी एक ट्रेंड चल गया. जब उन्होंने अपने आराम के लिए पारंपरिक सूट में कुछ बदलाव करवाया, तो इस सूट का नया नाम ‘कलाम सूट’ पड़ गया.
दरअसल, राष्ट्रपति बनने के बाद अब्दुल कलाम को अधिकतर एक ही तरह के कपड़े पहनते हुए देखा गया है. हालांकि, राष्ट्रपति को किस तरह के कपड़े पहनने हैं, इसको लेकर कोई संवैधानिक ड्रेस कोड नहीं है, लेकिन कई कार्यक्रमों में ज्यादातर भारतीय पोशाक ही पहननी होती थी, शेरवानी के साथ बंद गला सूट मुख्य था. ऐसे में अब्दुल कलाम भी बंद गले का सूट पहनते थे, जिसमें परेशानी होने के कारण उन्होंने कुछ बदलाव करवाया.
उनके सूट का कॉलर आगे की तरफ बीच से कटा हुआ होता था. अपने लिए इस खास तरह के सूट का निर्माण उन्होंने दिल्ली के करोल बाग की एक दुकान से करवाया था. बाद में उनके इस सूट को ‘कलाम सूट’ के नाम से प्रसिद्धि मिली.
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एससीएच/जीकेटी