उम्मीद है भारत-कनाडा के रिश्तों पर विपक्ष के नेताओं को विश्वास में लेंगे पीएम मोदी : कांग्रेस

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर . भारत ने नई दिल्ली में कनाडा के प्रभारी उच्चायुक्त समेत छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. साथ ही कनाडा के ताजा आरोपों के बाद “सुरक्षा कारणों से” ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त और कुछ अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार कनाडा के साथ रिश्तों के बारे में विपक्ष को विश्वास में लेकर काम करेगी.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस निश्चित रूप से आशा और अपेक्षा करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-कनाडा संबंधों के बिगड़ते अत्यंत संवेदनशील और नाजुक मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को तुरंत विश्वास में लेंगे.”

जहां राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं.

जयराम रमेश के इस पोस्ट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस को घेरा है और कनाडा के बारे में कांग्रेस की इस जिज्ञासा का कारण जानना चाहा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “क्या कनाडा/अमेरिका में भारतीयों, हिंदुओं को निशाना बनाने वाले और भारत को गाली देने वाले लोग राहुल गांधी से मदद मांगी है? मैं कांग्रेस के कई संदिग्ध अंतर्राष्ट्रीय “दोस्तों” के बारे में गोपनीय जानकारी प्रकट करने के लिए नहीं कह रहा हूं, लेकिन कनाडाई “संबंधों” के प्रति आपके अचानक उत्साह के बारे में जानना चाहता हूं. क्या राहुल का वहां अगला दौरा होने वाला है, जहां वे “दोस्तों” के साथ शामिल होंगे और भारत के बारे में बेकार की बातें करेंगे?”

विदेश मंत्रालय ने सोमवार देर रात बताया कि उसने छह कनाडाई राजनयिकों को भारत से निष्कासित कर दिया है. जिन छह राजनयिकों को निष्कासित किया गया है उनमें कनाडा के प्रभारी उच्चायुक्त स्टीवर्ट रोस व्हीलर और उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट के अलावा चार फर्स्ट सेक्रेटरी मैरी कैथरिन जॉली, इयान रॉस डेविड, एडम जेम्स चुइपका और पाउला ओर्जुएला शामिल हैं. इन सभी छह कनाडाई राजनयिकों से 19 अक्टूबर की रात 11.59 बजे तक या उससे पहले भारत छोड़ देने के लिए कहा गया है.

एकेएस/एकेजे