नई दिल्ली, 14 अक्टूबर . ऑस्ट्रेलिया के हरफ़नमौला खिलाड़ी कैमरन ग्रीन को पीठ में तकलीफ़ की वजह से सर्जरी से गुज़रना होगा, जिसका मतलब ये हुआ कि वह अब भारत के ख़िलाफ़ होने वाली टेस्ट सीरीज़ का हिस्सा नहीं होंगे. ग्रीन को पीठ के निचले हिस्से में स्ट्रेस फ़्रैक्चर है जिसके लिए उन्होंने सर्जरी का विकल्प चुना है, उनकी वापसी अब कम से कम छह महीने बाद ही मुमकिन हो पाएगी.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के मेडिकल स्टाफ़ के साथ पिछले दो हफ़्तों से चल रही लंबी बातचीत के बाद ग्रीन ने ये फ़ैसला किया है. सीए का मानना है कि वैसे तो सर्जरी के बाद वापसी और पूरी तरह ठीक होना खिलाड़ी के ऊपर निर्भर होता है और इसमें नौ महीनों तक का वक़्त लग सकता है. हालांकि उन्हें भरोसा है कि ग्रीन छह महीनों में वापसी कर सकते हैं. छह महीने क्रिकेट से दूर होने का मतलब है कि ग्रीन अब भारत के ख़िलाफ़ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ के साथ-साथ श्रीलंका के ख़िलाफ़ अहम टेस्ट सीरीज़ और चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2025 का हिस्सा नहीं होंगे. इसके अलावा वह आईपीएल भी नहीं खेल पाएंगे और अगर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्लूटीसी ) फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया पहुंचती है तो वहां भी ग्रीन टीम का हिस्सा नहीं रहेंगे. सीए का मानना है कि अगले साल जून और जुलाई में कैरेबियाई दौरे पर जाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का भी ग्रीन अब हिस्सा नहीं रह पाएंगे, उनकी वापसी होने के बाद गेंदबाज़ी के लिए वह कब तैयार होते हैं ये भी देखना अहम होगा.
ईएसपीएनक्रिकइंफो को मिली जानकारी के मुताबिक़ न्यूज़ीलैंड के सर्जन ग्रैम इंग्लस और रोवैन शूटेन ही ग्रीन की सर्जरी कर सकते हैं. इन दोनों ने इसी तरह की परेशानी से जूझ रहे 26 खिलाड़ियों की पिछले दो दशकों में सफल सर्जरी की है. उनमें से एक काइल जेमीसन की सर्जरी सफल नहीं हो पाई थी लेकिन उनकी बीमारी बेहद पेचीदा थी. हालांकि न्यूज़ीलैंड के कोच गैरी स्टीड ने कहा है कि जेमीसन अब वापसी के कगार पर हैं और दिसंबर में शुरू हो रहे सुपर स्मैश में नज़र आ सकते हैं.
इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ बेन ड्वारश्विस भी इन्हीं सर्जन से 2019 में अपना इलाज करा चुके हैं. ड्वारश्विस 10 महीनों के अंदर ही घरेलू क्रिकेट खेलने लगे थे. इसी तरह जेसन बेहरनडॉर्फ़ ने भी अक्टूबर 2019 में पीठ की सर्जरी कराई थी और दिसंबर 2020 में उन्होंने वापसी कर ली थी. हालांकि उसके बाद उन्होंने कोई प्रथम श्रेणी मुक़ाबला नहीं खेला है लेकिन उन्हें अब किसी तरह की कोई समस्या नहीं है.
ऑस्ट्रेलिया के एक और तेज़ गेंदबाज़ जेम्स पैटिंसन को भी इसी तरह की परेशानी के लिए सर्जरी से गुज़रना पड़ा था और उन्होंने 12 महीने बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वापसी की थी. जबकि उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए 22 महीनों का और इंतज़ार करना पड़ा था, लेकिन वह दूसरी चोटों की वजह से परेशान रहे थे और आख़िरकार 32 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था.
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आरआर/