महाराष्ट्र में महायुति सरकार को सत्ता से बाहर करने का समय आ गया है : एमवीए

मुंबई, 13 अक्टूबर . महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) नेताओं ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र संकट में है. इन नेताओं ने एक सभा में यह भी कहा कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में “सरकार को सत्ता से हटाने का समय आ गया है”.

एमवीए के सहयोगी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार (विधानसभा) और अंबादास दानवे (विधान परिषद) ने एकजुट होकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है.

मुंबई में शनिवार को बांद्रा में सड़क किनारे गोलीबारी में राज्य की महायुति सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी की हत्या कर दी गई थी.

शरद पवार ने कहा, “राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है. महाराष्ट्र संकट में है. अब समय आ गया है कि राज्य की जनता महायुति सरकार से सत्ता छीन ले.”

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने शनिवार शाम को दशहरा रैली में भी राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में विस्तार से बताया था, “लेकिन हम कितनी बातें करें.”

ठाकरे ने महायुति सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मुंबई महाराष्ट्र का एकमात्र ऐसा शहर है, जहां दो पुलिस आयुक्त हैं, फिर भी इस तरह के अपराध होते हैं. लोगों की सुरक्षा का क्या? राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, शासक असुरक्षित हैं, सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं को सार्वजनिक रूप से गोली मारी जा रही है. मुझे कोई आपत्ति नहीं है यदि आप मुंबई के लिए पांच पुलिस आयुक्त नियुक्त करते हैं.”

पटोले ने आरोप लगाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे संतों और प्रतीकों की भूमि महाराष्ट्र में अब ‘गुंडा राज’ देखने को मिल रहा है, जिसमें शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी-राकांपा की वर्तमान सरकार में सामूहिक हत्याओं के लिए गोलीबारी हो रही है. इसमें फरवरी में शिवसेना (यूबीटी) नेता अभिषेक घोसालकर की हत्या और अन्य घटनाएं शामिल हैं.

पटोले ने महायुति सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “राज्य में हर रोज बलात्कार, गोलीबारी, हत्याएं हो रही हैं. राज्य में महिलाएं, बुजुर्ग असुरक्षित हैं और अब तो सरकारी सुरक्षा प्राप्त राजनेता भी सुरक्षित नहीं हैं. अगर सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों की सुरक्षा की क्या गारंटी है. राज्य पहले कभी इतना नीचे नहीं गिरा था.”

पीएसएम/एकेजे