भाजपा सरकार में किसानों को नहीं मिल रही एमएसपी : रणदीप सुरजेवाला

कैथल, 13 अक्टूबर . कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने नई अनाज मंडी में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने धान की खरीद में हो रही कोताही को लेकर भाजपा सरकार पर जुबानी हमला बोला.

सुरजेवाला ने कहा कि न तो भाजपा सरकार धान की खरीद कर रही है और न ही किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिल रहा है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के 8 अक्टूबर के बाद 3,100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने के वादे का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों को 2,350 रुपए की बजाय 2,000-2,100 रुपए प्रति क्विंटल में धान बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. भाजपा सरकार के कुप्रबंधन, धांधली और लापरवाही के कारण किसान, आढ़ती और मजदूर सभी परेशान हैं. सरकार चैन की बांसुरी बजा रही है और मंत्रिमंडल में मलाईदार विभागों का खेल चल रहा है.

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या वादे के अनुसार किसानों को 3,100 रुपए प्रति क्विंटल मिलेंगे? जो किसान कम मूल्य पर धान बेच चुके हैं, क्या उन्हें फार्म 17 के आधार पर बकाया राशि उनके खाते में जमा कराई जाएगी? कैथल से भाजपा के हारे हुए प्रत्याशी लीलाराम पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि लीलाराम को हार को स्वीकार कर जनादेश का सम्मान करना चाहिए. अगर लड़ाई लड़नी है तो सरकार से लड़ें, लेकिन कैथल की जनता का अपमान न करें.

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने आढ़तियों को सजा दी है. सरकार का कसूर है और आढ़तियों को सजा मिल रही है. सवाल यह है कि किसान अपनी फसल कहां डालें? क्या वह अपने सिर पर रखकर धान बेच सकते हैं? उन्होंने भाजपा सरकार से मांग की कि वे अपनी नींद से जागे और किसानों को 3,100 रुपए प्रति क्विंटल धान की कीमत दे. इसके अलावा, जो किसान डेढ़ सौ या दो सौ रुपये प्रति क्विंटल नुकसान पर धान बेच चुका है, उसे भी बकाया राशि उसके खाते में जमा कराई जाए. आढ़ती की ढाई प्रतिशत कमी को बहाल किया जाए और हरियाणा में कहीं भी धान डालने की जरूरत पड़ने पर सड़क का ट्रैफिक रोककर उसे अस्थायी मंडी घोषित किया जाए. अन्यथा, किसान अपनी फसल कहां डालेंगे?

उन्होंने कहा कि कैथल की अनाज मंडी में कई गुना नुकसान हुआ है. चालीस प्रतिशत धान मंडी में आया ही नहीं. बार-बार किसानों को दूसरी मंडियों में जाकर अपनी फसल बेचनी पड़ी, जिससे उन्हें और अधिक नुकसान हुआ. ट्रांसपोर्ट का खर्च और डीजल का खर्च भी बढ़ गया है. भाजपा सभी के पेट पर लात मार रही है. इसके बजाय, भाजपा सरकार केवल पोर्टफोलियो का खेल खेल रही है. सरकार के पास पूर्ण बहुमत है, लेकिन कभी दिल्ली बुलाती है, कभी चंडीगढ़, कभी मुहूर्त निकलवाती है, कभी मंत्रियों की सूची बनाती है. यह सब करने के बजाय, लोगों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए.

सुरजेवाला ने आगे कहा कि भाजपा यह जान ले कि चुनाव जीतना यह नहीं है कि वह किसान, आढ़ती और मजदूर का शोषण कर सके. हम राजधर्म का पालन करने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे. अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होती, तो तीन दिनों में मंडियों का समाधान हो जाता. वहीं, गुरनाम चढूनी के बयान पर उन्होंने कहा कि वह अपनी राय रख सकते हैं, लेकिन मैं विवाद में नहीं पड़ना चाहता.

पीएसके/एबीएम