नोबेल पुरस्कार विजेता हान कांग की पुस्तकों की पांच लाख से अधिक प्रतियां बिकीं

सोल, 13 अक्टूबर . नोबेल पुरस्कार विजेता हान कांग द्वारा लिखे गए उपन्यासों और लघु कथाओं की पांच लाख से अधिक प्रतियां दक्षिण कोरिया के दो प्रमुख ऑनलाइन बुक स्टोर पर बिक चुकी हैं. बुक स्टोर संचालकों ने रविवार को यह जानकारी दी.

समाचार एजेंसी योनहाप ने क्योबो बुक सेंटर और यस24 के हवाले से बताया कि पिछले गुरुवार को साहित्य में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली दक्षिण कोरियाई महिला के रूप में उनकी जीत की घोषणा के बाद से रविवार को दोपहर 2 बजे तक उनकी पुस्तकों की लगभग 5,30,000 प्रतियां बिक चुकी थीं.

क्योबो ने गुरुवार से आज दोपहर तक लगभग दो लाख 60 हजार प्रतियां बेची, और यस 24 ने गुरुवार से रविवार दोपहर 2 बजे तक 270,000 प्रतियां बेचीं.

कंग की कविता और उपन्यासों ने क्योबो और यस 24 दोनों पर रियल-टाइम बेस्टसेलर रैंकिंग में शीर्ष 11 स्थानों पर कब्जा कर लिया. साथ ही उनकी अधिकांश पुस्तकें अब प्रीऑर्डर के माध्यम से बेची जा रही हैं.

एक पुस्तक विक्रेता अधिकारी ने कहा कि आपूर्ति की कमी म होने से सप्ताहांत तक और इस सप्ताह के प्रारम्भ तक अधिक स्टॉक आ जाएगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि उनका 2014 का उपन्यास “ह्यूमन एक्ट्स”, उसके बाद पुरस्कृत “द वेजिटेरियन” और उनकी सबसे हालिया कृति “वी डू नॉट पार्ट” बिक्री सूची में शीर्ष तीन स्थान पर रहीं.

कांग ने गुरुवार को साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीता, जिससे वह यह बड़ा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले पहले दक्षिण कोरियाई बन गए और कोरियाई साहित्य की वैश्विक मान्यता के लिए मार्ग प्रशस्त किया.

बता दें कि साल 1970 में ग्वांगजू में जन्मी कांग ने 1993 में साहित्य के क्षेत्र में कदम रखा. “विंटर ऑफ सोल” सहित उनकी पांच कविताएं कोरियाई पत्रिका “लिटरेचर एंड सोसायटी” द्वारा प्रकाशित हुईं. उनकी पहली किताब “द स्कार्लेट एंकर” ने एक साहित्यिक प्रतियोगिता जीती.

उन्होंने अपनी पहली किताब 1995 में “लव इन योसु” प्रकाशित की, जो कहानियों का एक संग्रह है. हालांकि उन्हें वास्तविक ख्याति “द वेजिटेरियन” (मूल रूप से कोरियाई में 2007 में प्रकाशित) से मिली जो योंग-ह्ये की कहानी है. वह मांस से परहेज करके अपने परिवार और दोस्तों के खिलाफ विद्रोह करती है.

इसके लिए उन्होंने 2016 में मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार भी जीता, जिससे कांग पहली दक्षिण कोरियाई विजेता बनीं.

आरके/एकेजे