नई दिल्ली, 12 अक्टूबर . त्योहारी सीजन से पहले, केंद्र ने राज्यों को लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये का कर हस्तांतरण जारी किया.
राज्यों द्वारा पूंजीगत व्यय में मंदी को देखते हुए केंद्र ने राज्य सरकारों को कर हस्तांतरण की दो किस्त जारी कीं. कर हस्तांतरण की कुल राशि 1,78,173 करोड़ रुपये है, जबकि सामान्य मासिक हस्तांतरण 89,086.5 करोड़ रुपये है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यह राशि आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है, ताकि राज्यों को पूंजीगत व्यय में तेजी लाने में मदद मिल सके. इसके अलावा, राज्यों के विकास और कल्याण संबंधी व्यय का खर्च पूरा हो सके.”
कर हस्तांतरण की कुल राशि अलग-अलग राज्यों में बांटी गई है. बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार की ओर से 31,962 करोड़ रुपये मिले.
उत्तर प्रदेश के बाद बिहार को 17,921 करोड़ रुपये दिए गए. 13,987 करोड़ रुपये के साथ मध्यप्रदेश का तीसरा स्थान रहा. केंद्र ने पश्चिम बंगाल को 13,404 करोड़ रुपये दिए, जबकि महाराष्ट्र को 11,255 करोड़ रुपये दिए गए.
इसके बाद राजस्थान को 10,737 करोड़ रुपये और ओडिशा को 8,068 करोड़ रुपये दिए गए. तमिलनाडु को 7,268 करोड़ रुपये और आंध्रप्रदेश को 7,211 करोड़ रुपये दिए गए.
इसके बाद कर्नाटक को 6,498 करोड़ रुपये और गुजरात को 6,197 करोड़ रुपये दिए गए.
इस लिस्ट में गोवा, सिक्किम और मिजोरम का नाम सबसे कम राशि पाने वाले राज्यों में शामिल रहा.
केंद्र सरकार की ओर से गोवा को 688 करोड़, सिक्किम को 691 करोड़ और मिजोरम को 891 करोड़ रुपये दिए गए.
चालू वित्त वर्ष में यह दूसरी बार है जब केंद्र ने अग्रिम मासिक किस्त जारी की है. इससे पहले जून में केंद्र ने राज्यों को कर हस्तांतरण में अग्रिम राशि के रूप में 1,39,750 करोड़ रुपये की दो मासिक किस्त जारी करने का फैसला किया था.
पूंजीगत व्यय सरकार की ओर से खर्च किए जाने वाला वह धन है, जिसे मशीनरी, भवन, स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा के विकास के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
इसमें सरकार द्वारा भविष्य में लाभ या लाभांश देने वाले निवेश पर किया गया व्यय भी शामिल होता है.
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एसकेटी/एएस