इस्लामाबाद, 12 अक्टूबर . पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने 15 अक्टूबर को इस्लामाबाद में एक बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना की घोषणा की है. इसके बाद पाकिस्तान में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. इसी दिन देश की राजधानी इस्लामाबाद में एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (सीएचजी) की बैठक शुरू हो रही है.
डी-चौक पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला शुक्रवार को पीटीआई की राजनीतिक समिति की देर रात हुई आपात बैठक में लिया गया.
पीटीआई के सेंट्रल पंजाब चैप्टर के सूचना सचिव शायन बशीर ने बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ”पाकिस्तानियों, जो तुम्हारे लिए जेल में है, उसके लिए सामने आने के लिए तैयार हो जाओ. जालिमों ने हमारे नेता (इमरान खान) से सारे संपर्क तोड़ दिए हैं, उनकी बहनों को जेल में डाल दिया है और उनके वकील को भी ले गए हैं. हमारे नेता की जान को बहुत खतरा है, हमें 15 अक्टूबर को डी-चौक पहुंचना है.
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत कई प्रमुख विदेशी गणमान्य दो दिवसीय एससीओ बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं.
इस महीने की शुरुआत में, हिंसक विरोध प्रदर्शनों, झड़पों, गिरफ्तारियों, इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की एक श्रृंखला के बाद, पाकिस्तान सरकार ने 4 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक आधिकारिक तौर पर इस्लामाबाद की सुरक्षा पाकिस्तानी सेना की इकाइयों को सौंप दी है.
पीटीआई के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद मुराद सईद ने चेतावनी दी, “अगर आपको शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन की इतनी चिंता थी तो आपको संवैधानिक संशोधनों में हेराफेरी करने में व्यस्त नहीं होना चाहिए था… सड़कें खोदो, कंटेनर रखो लेकिन हम पैदल मार्च करेंगे. अब तक तो आपको पता चल ही गया होगा कि बाधाएं हमें रोक नहीं सकतीं. अब जो लोग बाहर निकलेंगे, उन्हें हम नहीं रोक पाएंगे. इमरान खान की सेहत के बारे में तुरंत खबर दीजिए या फिर डी-चौक पर मिलते हैं.”
वहीं शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोध प्रदर्शनों से देश को बंधक नहीं बनने देगी.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन में हिस्सा लेने पाकिस्तान आ रहे 12 देशों के प्रमुखों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा. इस संबंध में सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं, अगर कोई विरोध की घोषणा करता है तो कोई फर्क नहीं पड़ता. उपद्रवियों को घर पर बैठकर आराम करना चाहिए. एससीओ सुचारू रूप से चलेगा.”
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