कहीं आपको डिप्रेशन तो नहीं? ये हैं शुरुआती लक्षण

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर . तनाव एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जिससे ग्रसित होने के बाद किसी भी इंसान को अपनी जिंदगी नीरस, अधूरी और दिशाहीन लगने लगती है. तनाव ने कई लोगों की जिंदगी अंधकारमय कर दी है. चिकित्सक बताते हैं कि अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाए, तो इसके कई गंभीर परिणाम भी सामने आते हैं. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि जैसे ही किसी व्यक्ति को एहसास हो कि वह तनाव की गिरफ्त में आ रहा है, उसे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. लेकिन कई बार लोगों को पता ही नहीं लग पाता कि वह डिप्रेशन का शिकार है.

फोर्टिस के मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख ने से इस मुद्दे पर विस्तारपूर्वक बात की. उन्होंने बताया कि तनाव के शुरुआती लक्षण बहुत ही सामान्य प्रकृति के होते हैं जिस वजह से कई लोग इसे नजरअंदाज कर जाते हैं. जैसे कि किसी काम में मन न लगना. जीवन दिशाहीन और उद्देश्यहीन लगना. ऐसा लगना कि अब सब खत्म हो चुका है. मूड में एकाएक बदलाव आना. तनाव की गिरफ्त में आने के बाद जो चीजें पहले अच्छी लगती थीं, वे भी अब अच्छी नहीं लगती हैं. थकान, एकाग्रता में कमी, नकारात्मक सोच, आत्मविश्वास की कमी, खुद को असहाय महसूस करना, भविष्य अंधकारमय महसूस करना जैसे लक्षण होते हैं.

डॉक्टर बताते हैं कि यही नहीं, तनावग्रस्त व्यक्ति कभी-कभी खुद को इतना अयोग्य समझ लेता है कि उसे लगता है कि अब वह किसी भी काम में सक्षम नहीं है. अगर इस तरह के लक्षण किसी व्यक्ति में दो सप्ताह से ज्यादा समय तक बने रहे, तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

डॉ. पारिख बताते हैं कि तनाव से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि यह एक मानसिक बीमारी है, जब आप बीमारी की बात करते हैं, तो निस्संदेह इसके उपचार भी होंगे. ऐसी स्थिति में आपको तुरंत किसी मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. इसके बाद, उनके द्वारा बताए गए सुझावों को अपने जीवन में लागू करना होगा. संभव है कि आपको कुछ दवाएं भी खानी पड़ें. इससे आपको फायदा होगा.

उन्होंने बताया कि दुनिया में 28 करोड़ लोग डिप्रेशन के शिकार हैं. डिप्रेशन के लक्षण तुरंत पहचानना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि जब व्यक्ति में इसके लक्षण पहचानने में देरी होती है तो उसे बहुत तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

एसएचके/एकेजे