महाराष्ट्र में जिला परिषद और पंचायत समिति प्रमुखों के चुनाव स्थगित, कैबिनेट ने दी मंजूरी

मुंबई, 10 अक्टूबर . जिला परिषदों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों तथा पंचायत समितियों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के चुनाव 120 दिनों के लिए स्थगित कर दिए गए हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता वाली महाराष्ट्र कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी. इस सरकार का कार्यकाल इस साल अक्टूबर-नवंबर में खत्म होने वाला है.

कैबिनेट का यह फैसला जिला परिषदों की विषय समितियों के अध्यक्षों के चुनाव स्थगित करने के लिए भी लागू होगा. यह फैसला महाराष्ट्र में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लिया गया है. राज्य सरकार जल्द ही अध्यादेश भी जारी करेगी.

महाराष्ट्र जिला परिषद और पंचायत समिति अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार ये चुनाव स्थगित किए जाएंगे. जिला परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विषय समितियों के सभापति तथा पंचायत समितियों के अध्यक्ष और उपसभापति के पदों का कार्यकाल ढाई वर्ष का होता है.

ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा पेश किए गए कैबिनेट प्रस्ताव में कहा गया है, “कुछ जिला परिषदों और पंचायत समितियों में, जिला परिषदों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और विषय समितियों के अध्यक्षों, पंचायत समितियों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का कार्यकाल अक्टूबर-नवंबर 2024 के महीने में समाप्त होने वाला है.”

ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव में कहा गया है, “राज्य विधानसभा के चुनाव नवंबर में होने की संभावना है. उक्त चुनावों के कारण, सभी कलेक्टर और जिलों के कलेक्टरेट के कर्मचारी तथा जिलों में पुलिसकर्मी चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं और चुनाव से पहले तथा बाद की ड्यूटी में व्यस्त रहेंगे.”

इसमें कहा गया है कि उक्त चुनावों के एक साथ होने की किसी भी संभावना, नागरिक और पुलिस प्रशासन पर किसी भी तरह के संभावित अनुचित दबाव, कानून-व्यवस्था की किसी भी समस्या या नागरिकों और संबंधित उम्मीदवारों तथा मतदाताओं को किसी भी तरह की असुविधा से बचाने के लिए, जिला परिषदों की विषय समितियों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और चेयरमैनों तथा पंचायत समितियों के अध्यक्षों और उप-चेयरमैनों के चुनावों को 120 दिनों की अवधि के लिए अस्थायी रूप से स्थगित करना उचित समझा जाता है.

मंत्रिमंडल ने राज्य के कृषि क्षेत्र में डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके किसानों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का शीघ्र एवं प्रभावी ढंग से लाभ पहुंचाना आसान बनाने के लिए केन्द्र की एग्रीस्टैक डिजिटल मिशन योजना को क्रियान्वित करने का भी निर्णय लिया.

इसमें कृषि क्षेत्र में किसानों की रजिस्ट्री, भू-संदर्भित गांव के नक्शे और फसल बोई गई रजिस्ट्री, जो सभी राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बनाई और रखी जाती हैं. ऐसी तीन मूलभूत रजिस्ट्री या डेटाबेस शामिल हैं. इसे राजस्व विभाग द्वारा तैयार किया जाएगा. कैबिनेट ने राज्य में एग्रीस्टैक के कार्यान्वयन के लिए 81.83 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी.

इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य में पठन संस्कृति विकसित करने और पुस्तक आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र सार्वजनिक पुस्तकालय अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी.

प्रस्तावित संशोधन में पुस्तकों की परिभाषा ई-संसाधनों, ई-पुस्तकों, ई-पत्रिकाओं और ई-डाटा पर भी लागू होगी. स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक को राज्य पुस्तकालय परिषद के सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा.

परिषद के काम को प्रभावी बनाने के लिए उप-समितियों का गठन भी किया जाएगा. मंत्रिमंडल ने राज्य में नए कॉलेजों, नए पाठ्यक्रमों और अतिरिक्त प्रभागों की शुरुआत के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने को भी मंजूरी दी.

विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार के पास आवेदन करने की अंतिम तिथि सितंबर के अंत तक थी. अब इसे बढ़ा दिया गया है और 31 अक्टूबर तक निर्धारित प्रारूप में आवेदन किए जा सकेंगे. विश्वविद्यालयों की सूची में अथर्व विश्वविद्यालय मुंबई, इंदिरा विश्वविद्यालय पुणे और नयनता विश्वविद्यालय पुणे का नाम शामिल करने को मंजूरी दी गई.

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आरके/एकेजे