जावेद अख्तर ने स्टैंडअप कॉमेडियनों द्वारा कार्यक्रमों में अपशब्दों के प्रयोग की आलोचना की

मुंबई, 10 अक्टूबर . हिन्दी सिनेमा के मशहूर लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने सभी स्टैंडअप कॉमेडियन को सलाह दी है कि वे दर्शकों को हंसाने के लिए शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखें. जावेद अख्तर अपने करियर में पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं.

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसे लेकर जावेद अख्तर ने कॉमेडी में अनुचित भाषा के प्रयोग पर बात की.

वीडियो में अख्तर से एक कॉमेडियन ने पूछा, “तो आपका क्या नजरिया है कि कॉमेडी में गाली-गलौज उचित है या नहीं?”

अख्तर ने जवाब दिया, “मैं आपको एक बात बताऊंगा. ओडिशा, बिहार और मैक्सिको में जब पार्टी होती है तो लोग खाने के साथ बहुत सारा मिर्च खाते हैं. खाना फीका होता और उसमें स्वाद के लिए मिर्च खाते हैं. अपमानजनक भाषा मिर्च की तरह है. यदि आप अच्छी भाषा बोल सकते हैं और यदि आप काफी मजाकिया हैं, तो आपको इस मिर्च की आवश्यकता नहीं है.”

उन्होंने कहा, “बातचीत अगर नीरस है तो उसमें ऊर्जा लाने के लिए आप अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करेंगे.”

जावेद अख्तर से एक हास्य अभिनेता ने कहा, “सर, आपने सभी स्टैंडअप कॉमेडियन का बहुत ही काव्यात्मक तरीके से अपमान किया. हमें बुरा लगा, लेकिन साथ ही अच्छा भी लगा.”

जावेद अख्तर का जन्म 1945 में हुआ था, और उन्हें सलीम-जावेद की जोड़ी से पहचान मिली. अपने करियर के दौरान, उन्होंने पांच बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और आठ बार सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता.

उन्होंने फिल्म उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. वह 2010 से 2016 तक राज्यसभा के नामित सदस्य भी रह चुके हैं. उनकी कविता और गीत अक्सर गहरे सामाजिक विषयों को दर्शाते हैं, जिससे वे भारतीय कला में एक सम्मानित व्यक्ति बन गए हैं. उनकी अनूठी शैली और भावनाओं को बुद्धि के साथ मिलाने की क्षमता ने उद्योग पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है.

डीकेएम/एकेजे