एक उद्यमी आजादी के साथ कर सकता है काम, 10 साल में उद्योग जगत को मिला प्रोत्साहन : कादंबरी

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 119वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती स्टार्टअप अर्थव्यवस्था बन चुका है. देश में पहले पॉलिसी पैरालिसिस की बात होती थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसे खत्म करने का काम किया है.

चैंबर की कानून एवं न्याय समिति की सह-अध्यक्ष कादंबरी ने कहा कि एक सरकार जो स्थिरता देती है और वह कैसे देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है, इस बारे में “मैं अमित शाह से पूरी तरह सहमत हूं”.

उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि स्थिरता नहीं होगी, तो देश में विकास नहीं होगा. हमने पाकिस्तान और बांग्लादेश का उदाहरण देखा है कि किस तरह से एक अराजकता है, एक भीड़ मानसिकता है और भारत में हम विकास देख रहे हैं. इन्हीं दो अर्थव्यवस्थाओं के बीच संघर्ष में भारत एक महाशक्ति के रूप में स्थापित होता जा रहा है. अमित शाह के शब्दों से उद्योग जगत को बहुत अधिक प्रोत्साहन मिला है. एक उद्यमी, कारोबारी आज आजादी से काम कर सकता है.”

उन्होंने आगे कहा कि इंडस्ट्री की तरफ से इंडस्ट्री किसी प्रकार का विवाद या मतभेद नहीं चाहती है. वह सिर्फ शांति से काम करना चाहती है. अमित शाह ने हमें यह दिखाया कि 10 साल पहले और 10 साल बाद में कितना अंतर है. व्यापार और व्यवसाय का सीधा फायदा आम आदमी को मिल रहा है. अमित शाह को सुनकर बहुत अच्छा लगा और हम एक बहुत ही सकारात्मक तथा आशावादी युग की उम्मीद करते हैं, जहां हमारा देश बढ़ेगा और उद्योग बढ़ेगा और आम आदमी भी बढ़ेगा.

सीसीआई के एमसी सदस्य पीएचडी रंजन ढींगरा ने कहा कि अमित शाह ने जो कहा वह बिल्कुल सच है. हम कई वर्षों से देख रहे हैं कि कौन ऐसी स्थिरता ला सकता है, जिससे उद्योग को लाभ हो और उन्हें विश्व स्तर पर आगे बढ़ने का मौका मिले. उन्होंने कहा, “मैं 10 साल से पीएचडीसीसीआई का सदस्य हूं और लगभग छह साल तक प्रबंधन समिति का सदस्य हूं. स्थिरता के कारण हमने जो हासिल किया है वह यह है कि हम जिस भी नीति पर चर्चा करते हैं उसका सरकार द्वारा पूरी तरह से मूल्यांकन और कार्यान्वयन किया जाता है. आप भारत में कहीं भी जा सकते हैं, यहां तक कि चांद पर भी जा सकते हैं. आज का दौर विश्वास और विकास का दौर है. इससे बेहतर उदाहरण आपको क्या मिल सकता है?”

एकेएस/एकेजे