ट्रंप और हैरिस पीएम मोदी के प्रवासी समुदाय से जुड़ाव का चुनाव में उठाना चाहते हैं फायदा : हर्षवर्धन श्रृंगला

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर . पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कद कुछ ऐसा है जिसे दुनिया भर के नेता स्वीकार करते हैं.

उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक का लक्ष्य अपनी सफलता के लिए भारतीय प्रवासियों के साथ पीएम मोदी के जुड़ाव का लाभ उठाना होगा.

चुनाव की तारीख (5 नवंबर) नजदीक आने के साथ ही व्हाइट हाउस की रेस में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच करीबी मुकाबला माना जा रहा है. मिशिगन, विस्कॉन्सिन और पेंसिल्वेनिया प्रांतों में भारतीय समुदाय की एक बड़ी आबादी है, जिसने पिछले कई दशकों में अमेरिका में अपनी अलग पहचान बनाई है. विशेष रूप से अंतिम परिणाम में इस समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.

श्रृंगला ने को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, “वर्ष 2014 में जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, उनका प्रयास भारतीय समुदाय के साथ संबंधों को मजबूत करने और उन्हें भारत के विकास से जोड़ने का रहा है. भारतीय समुदाय पेंसिल्वेनिया और जॉर्जिया जैसे कई महत्वपूर्ण राज्यों में मौजूद है, जहां उनके वोट और वित्तीय योगदान महत्वपूर्ण हैं. अगर हम देखें तो दोनों ही खेमे प्रधानमंत्री मोदी के भारतीय समुदाय के साथ बेहतर जुड़ाव को अपने फायदे में भुनाने का लक्ष्य बना रहे हैं.”

एक अनुभवी राजनयिक श्रृंगला अमेरिका में भारत के राजदूत (2019-2020) भी रह चुके हैं. उन्होंने कहा, “एक बात जिस पर हमें हमेशा गर्व रहा है, वह यह है कि भारत-अमेरिका संबंधों को दोनों दलों का समर्थन प्राप्त है. इसका मतलब यह है कि चाहे रिपब्लिकन हों या डेमोक्रेट, हमें बहुत मजबूत समर्थन प्राप्त है. प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रपति ओबामा के साथ बहुत अच्छे संबंध थे, राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मजबूत संबंध थे और राष्ट्रपति बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं. निस्संदेह, जो भी अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनेगा, प्रधानमंत्री मोदी उस नेता के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेंगे. भारत और अमेरिका अपनी रणनीतिक साझेदारी को जारी रखेंगे जैसा कि उन्होंने अतीत में किया है.”

उनका मानना ​​है कि प्रधानमंत्री मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा एक महत्वपूर्ण समय पर हुई है, क्योंकि इससे नई दिल्ली को क्षेत्रीय और वैश्विक कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर वाशिंगटन के साथ जुड़ने का अवसर मिला है.

भारत के विदेश सचिव के रूप में कार्य करने के बाद, श्रृंगला को 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए मुख्य समन्वयक नियुक्त किया गया और उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ मिलकर काम किया.

श्रृंगला ने से कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत स्पष्ट है कि आज वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री मोदी का कद कुछ ऐसा है जिसे दुनिया भर के नेता स्वीकार करते हैं. आज दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों का समाधान करने में उनका योगदान महत्वपूर्ण है. खासकर जिस तरह से हमने जी-20 की अध्यक्षता उस कठिन समय में की, जब दुनिया भर में ऐसे मुद्दों पर मतभेद थे, जहां देश एक आम जमीन तलाशने के लिए संघर्ष कर रहे थे. भारत उन्हें एक साथ लाने और यूक्रेन संघर्ष सहित महत्वपूर्ण मामलों पर आम सहमति बनाने में सक्षम रहा.”

प्रधानमंत्री मोदी की शांति पहल की प्रशंसा करते हुए पूर्व राजनयिक ने कहा कि भारत इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को कम करने में प्रमुख भूमिका निभा सकता है.

“ईरान और इजरायल के बीच सीधा टकराव संभव है. दोनों ही देश अपनी सैन्य क्षमताओं के मामले में काफी सक्षम हैं और सैन्य क्षमताओं के मामले में गंभीर चुनौती पेश कर सकते हैं. मुझे लगता है कि सभी नेताओं को यह प्रयास करना चाहिए कि इस स्थिति को कैसे नियंत्रण में लाया जा सकता है. पीएम मोदी ने हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बात करते हुए कहा कि इस दुनिया में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन हमें इस संघर्ष को कम करना होगा और भारत इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के लिए किसी भी तरह से अपनी अच्छी सेवाएं देने के लिए तैयार है.”

श्रृंगला ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर विचार व्यक्त करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी एक ऐसे वैश्विक नेता हैं, जिनमें कीव और मास्को के बीच शांति स्थापित करने की क्षमता है.

उन्होंने कहा, “इस बात का जोखिम है कि संघर्ष फिर से रूस-यूक्रेन के दायरे से बाहर जा सकता है. इस समय हमें कोई अन्य पहल नहीं दिखती जो शांति की ओर बढ़ रही हो. प्रधानमंत्री मोदी एकमात्र वैश्विक नेता हैं, जिनके पास रूस और यूक्रेन दोनों के पास जाने और उनसे बात करने और यह देखने की क्षमता है कि क्या उन्हें इस संघर्ष का समाधान खोजने के लिए बातचीत के लिए राजी किया जा सकता है. जैसा कि उन्होंने कहा है कि आज के युग में युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है और हमें वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में काम करना है.”

एकेएस/एकेजे