मुंबई, 10 अक्टूबर . महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि रतन टाटा 150 साल पहले दिवंगत जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित वैश्विक टाटा साम्राज्य के सबसे चमकीले रत्नों में से एक थे.
राज्यपाल ने कहा कि आधुनिक प्रबंधन पद्धतियों को अपनाते हुए रतन टाटा ने संस्थापक सदस्यों के दृष्टिकोण से कभी समझौता किए बिना, टाटा समूह को एक विश्वसनीय भारतीय वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित किया. टाटा समूह ने भारत के 1.4 अरब लोगों के जीवन को अपने उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से छुआ है. इसका श्रेय रतन टाटा के दृष्टिकोण और टाटा समूह दोनों को जाता है. उन्होंने कहा कि जब मूल्यों का ह्रास हो रहा है, तब भी रतन टाटा ने अपने व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में सर्वोत्तम नैतिकता और नैतिक मूल्यों को कायम रखा और उनकी रक्षा की.
राज्यपाल ने रतन टाटा को भारतीय उद्योग और राष्ट्र के ‘विवेक रक्षक’ बताया. उन्होंने आगे कहा कि हम जब विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, तब उनके लिए विश्वास, उत्कृष्टता और नवाचार के मूल्यों को अपनाना वास्तव में श्री रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने का एक सही तरीका होगा. मैं इस महान संत को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने मानवता के बारे में सोचा.
बता दें कि पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार को निधन हो गया. सोमवार को उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने उनके निधन की जानकारी देते हुए कहा था कि हम अत्यंत दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि श्री रतन नवल टाटा नहीं रहे. वो वास्तव में एक असाधारण नेता रहे उनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह बल्कि हमारे राष्ट्र के मूल ढांचे को भी आकार दिया है.
रतन टाटा के निधन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उद्योगपति गौतम अदाणी, आनंद महिद्रा समेत कई नेताओं और उद्योगपतियों ने एक बड़ी क्षति बताया.
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पीएसके/केआर