नई दिल्ली, 9 अक्टूबर . इस वर्ष जनवरी से जुलाई के बीच देश में चाय के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है. इस बारे में जानकारी देते हुए चाय बोर्ड ने कहा कि जनवरी-जुलाई के बीच चाय का निर्यात 144.50 मिलियन किलोग्राम तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की समान अवधि से 23.79 प्रतिशत अधिक है.
देश ने वर्ष 2023 में इसी अवधि में 116.73 मिलियन किलोग्राम निर्यात किया था. चाय के निर्यात में बीते वर्ष की समान अवधि से इस वर्ष 27.77 मिलियन किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, 2024 के पहले सात महीनों के दौरान एकल इकाई मूल्य 256.37 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया है. बीते वर्ष इसी अवधि में यह 264.96 रुपये प्रति किलोग्राम था.
इस बीच, चाय बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय ने चाय उद्योग के विकास और संवर्धन के लिए 664.09 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी है. यह राशि चाय विकास एवं संवर्धन योजना के तहत 15वें वित्त आयोग चक्र की शेष अवधि यानी वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 के दौरान खर्च की जाएगी. चाय उद्योग के विकास के लिए वृक्षारोपण विकास और गुणवत्ता सुधार, संवर्धन और बाजार समर्थन, तकनीकी हस्तक्षेप, अनुसंधान और विकास तथा कल्याण और क्षमता निर्माण उपायों को शामिल किया गया है. इन उपायों को लेकर अप्रूवल ले लिया गया है.
इससे पहले सितंबर में, चाय उद्योग ने घरेलू खपत में सुस्त वृद्धि, खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि और कोविड महामारी के बाद निर्यात में धीमी वृद्धि को उद्योग के लिए बड़ी चुनौतियों में गिनवाया था. चाय उत्पादक संघों और भारतीय चाय बोर्ड ने देश में मांग में धीमी वृद्धि पर चिंता जताई थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वर्ष 2023 डेटा के अनुसार, भारत लगभग 1350 मिलियन किलोग्राम उत्पादन के साथ दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक है.
भारत सबसे बड़ा काली चाय उत्पादक है और घरेलू आवश्यकताओं और निर्यात दायित्वों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर है. भारत विश्व की कुल चाय खपत का लगभग 18 प्रतिशत उपभोग करता है. इसके अलावा, भारत घरेलू उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के अतिरिक्त चाय का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है.
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एसकेटी/