हरियाणा चुनाव : कांग्रेस के जिन तीन नेताओं के खिलाफ ईडी ने की थी कार्रवाई, जानें क्या हुआ उनका ?

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर . हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित हो गए. चुनाव आयोग के मुताबिक, भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के तीन करीबी नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा है, जिन्होंने चुनाव से पहले ईडी की कार्रवाई का सामना किया था. आइए जानते हैं कि वे तीन नेता कौन हैं और कहां से दावेदारी ठोक रहे थे.

दरअसल, हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के जिन तीन नेताओं को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना करना पड़ा था, उनमें राव दान सिंह, धर्म सिंह छोकर और सुरेंद्र पंवार शामिल हैं.

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार राव दान सिंह की बात करें तो वह हरियाणा की महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोक रहे थे. उन्हें भाजपा प्रत्याशी कंवर सिंह ने 2,648 वोट से मात दी है. राव दान सिंह ने पिछली बार महेंद्रगढ़ से चुनाव लड़ा था और बड़ी जीत हासिल की थी. इसी साल ईडी ने जुलाई में उनके खिलाफ 1,392 करोड़ रुपये के घोटाले के कार्रवाई की थी. बाद में उनके बेटे अक्षत सिंह की संपत्ति को भी अटैच किया गया था.

वहीं, इस लिस्ट में दूसरा नाम धर्म सिंह छोकर का है, जो समालखा से चुनाव लड़ रहे थे. उन्हें भाजपा प्रत्याशी मनमोहन भड़ाना ने 19,315 वोटों के अंतर से हराया. इसी साल जुलाई में ईडी की टीम ने कांग्रेस नेता धर्म सिंह छोकर के ठिकानों पर गुरुग्राम में 1500 फ्लैट से जुड़े मामले में कार्रवाई की थी. बाद में ईडी की टीम ने कई अहम दस्तावेजों को जब्ज किया था. यहीं नहीं, छोकर के बेटे को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था.

इसके अलावा ईडी की रडार पर कांग्रेस के तीसरे नेता सुरेंद्र पंवार थे. उन्होंने हरियाणा की सोनीपत विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, मगर उन्हें भी राव दान सिंह और धर्म सिंह छोकर की तरह हार का सामना करना पड़ा. उन्हें भाजपा प्रत्याशी निखिल मदान ने 29,627 वोटों से हराया.

सुरेंद्र पंवार के खिलाफ भी ईडी ने इसी साल जुलाई में कार्रवाई की थी. ये कार्रवाई अवैध खनन के मामले में दर्ज हुई एफआईआर के आधार पर की गई थी. इसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने उनके आवास पर रेड की और सुरेंद्र पंवार को सोनीपत से गिरफ्तार किया. हालांकि, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया, इससे उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया.

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