पटना, 8 अक्टूबर . डिप्टी सीएम बंगले मामले में राजद का कहना है कि बंगले से सामान ले जाने के जो आरोप लगाए गए हैं, वह पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. इस मुद्दे को लेकर राजद ने कोर्ट जाने का निर्णय लिया है. राजद के इस बयान पर जदयू नेता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया दी.
जदयू नेता नीरज कुमार ने सवाल किया कि क्या आपने कभी लैंड फॉर जॉब मामले में न्याय संगत होने की बात कही थी? अगर आपको न्यायालय जाना है, तो जाइए, लेकिन आपको यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या आप राज्य में मंत्री परिषद के एक माननीय सदस्य थे. उपमुख्यमंत्री का पद भी इसी से संबंधित है. हम भी मंत्री रहे हैं, लेकिन कभी सरकारी आवास में जिम का सामान नहीं देखा. बैडमिंटन कोर्ट कैसे बना, इसकी इजाजत कैसे मिली?
उन्होंने आगे कहा कि अगर राजनीति में इस तरह की बातें सामने आ रही हैं तो यह निश्चित रूप से राजकोष का दुरुपयोग है. सार्वजनिक जीवन में इससे बड़ी शर्मनाक बात कुछ नहीं हो सकती. जनता द्वारा अर्जित धन का इस तरह उपयोग ही कारण है कि लोग देश में मन नहीं लगाते और विदेश चले जाते हैं. उनकी आदतें बिगड़ गई हैं. जहां भी जाना है, जाइए, लेकिन जनता को यह बताइए कि जिम क्यों बनाया था? यह सुविधा कैसे ली? बैडमिंटन कोर्ट कैसे बना? सरकारी बंगले में यह सब क्यों हो रहा है?
नीरज कुमार ने पूछा कि राजकोष के खजाने से इस पर कितना खर्च हुआ और इसकी कितनी जरूरत थी? क्या शौचालय में भी एसी लगाया गया था? यदि ऐसा है, तो यह बहुत चिंताजनक है. लोकतंत्र में ऐसी चीजों की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि बिहार में डिप्टी सीएम के सरकारी बंगले को लेकर सियासी घमासान जारी है. दरअसल, तेजस्वी यादव बतौर डिप्टी सीएम जिस बंगले में रहते थे, वह बंगला प्रदेश के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को अलॉट किया गया, लिहाजा तेजस्वी यादव को बंगला छोड़ना पड़ा. लेकिन, भाजपा का आरोप है कि सरकारी बंगला खाली करने के बाद तेजस्वी यादव वहां का सामान भी अपने साथ लेकर चले गए.
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पीएसके/केआर