राज्य स्तरीय चुनावों में स्थानीय मुद्दे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण : नीरज कुमार

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर . हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनावी रिजल्टों के शुरुआती रुझान आना शुरू हो गए हैं. ताजा समाचार मिलने तक हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी 46 सीटों पर आगे है, जबकि कांग्रेस 37 और अन्य 5 सीटों पर आगे हैं. जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस 41, भारतीय जनता पार्टी 22, कांग्रेस 9, पीडीपी 3 व अन्य 9 सीटों पर आगे है.

इस पर जनता दल यूनाइटेड पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने खुशी जताई है. साथ ही उन्होंने इन परिणामों पर जल्दबाजी में कोई टिप्पणी करने से भी इनकार किया. उन्होंने से बात करते हुए कहा, “हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों के प्रारंभिक रुझान सामने आए हैं. चूंकि ये राज्य स्तरीय चुनाव हैं, इसलिए राज्य के स्थानीय मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं. इस संदर्भ में, जनता की मानसिकता और प्राथमिकताएं भी अहम भूमिका निभाती हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “चुनाव परिणामों का जनादेश अभी स्पष्ट नहीं है, इसलिए भविष्य के राजनीतिक परिणामों पर तत्काल टिप्पणी करना उचित नहीं लगता. यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता ने किस तरह के मुद्दों को प्राथमिकता दी है और ये चुनावी नतीजे किस दिशा में जाएंगे.

बता दें कि राज्य में भाजपा लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस हरियाणा में वापसी की भविष्यवाणी कर रही है. 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए वोटों की गिनती सभी 22 जिलों के 93 मतगणना केंद्रों पर शुरू हुई.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने बताया कि बादशाहपुर, गुरुग्राम तथा पटौदी विधानसभा क्षेत्रों के लिए दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जबकि शेष 87 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक-एक मतगणना केंद्र बनाया गया है.

मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 90 मतगणना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी की गई है. अग्रवाल ने बताया कि सभी मतगणना केंद्रों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 30 कंपनियां तैनात की गई हैं, जिन्हें तीन स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है.

सबसे भीतरी सुरक्षा घेरे में केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. इसके बाद सबसे बाहरी घेरे में राज्य सशस्त्र पुलिस और जिला पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. करीब 12,000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं.

उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में पर्याप्त चौकियां बनाई गई हैं. सभी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) रखने की जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.

इन क्षेत्रों में अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक रहेगी. इसके अलावा, व्यापक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए मतगणना केंद्रों के मुख्य प्रवेश द्वार और पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि प्रत्येक चरण की मतगणना की सटीक जानकारी समय पर अपलोड की जाएगी.

5 अक्टूबर को हुए चुनाव में कुल 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ था. सबसे अधिक 75.36 प्रतिशत मतदान सिरसा जिले में और सबसे कम 56.49 प्रतिशत मतदान फरीदाबाद जिले में हुआ था. निर्वाचन क्षेत्र के हिसाब से सबसे अधिक 80.61 प्रतिशत मतदान ऐलनाबाद में और सबसे कम 48.27 प्रतिशत मतदान बड़खल में हुआ था.

इससे पहले अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि 10 साल तक विपक्ष में रहने के बाद कांग्रेस हरियाणा में भाजपा से सत्ता छीन लेगी. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में जोरदार प्रचार करने वाली कांग्रेस को 90 सदस्यीय विधानसभा में 49-55 सीटें मिलने का अनुमान है.

हालांकि, लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक जीत की भविष्यवाणी करते हुए मुख्यमंत्री और लाडवा विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार नायब सिंह सैनी ने कहा कि उन्हें किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे अपने दम पर सरकार बना लेंगे.

इसके अलावा, दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र हुड्डा, जो मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं, ने विश्वास जताया कि पार्टी राज्य में “प्रचंड बहुमत” के साथ सरकार बनाएगी.

अक्टूबर 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 36.49 प्रतिशत था, जब पार्टी 90 सदस्यीय विधानसभा में आधे से ज़्यादा सीटें नहीं जीत पाई थी और उसने जेजेपी के साथ चुनाव के बाद गठबंधन कर लिया था.

कांग्रेस ने 2019 के संसदीय चुनाव के वोट शेयर की तुलना में 2024 में अपने वोट शेयर में 15 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की.

पीएसएम/केआर