जमशेदपुर, 7 अक्टूबर . स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2014 को शुरू की थी. इस मिशन का उद्देश्य भारत को खुले में शौच से मुक्त और स्वच्छ बनाना था. अब 10 साल बाद इस मिशन ने देश में स्वच्छता क्रांति ला दी है. स्वच्छता अभियान ने 10 सालों में लोगों को काफी प्रेरित किया है और वे स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए हैं. इस बारे में ने झारखंड के जमशेदपुर के कुछ स्थानीय लोगों से बात की.
से बात करते हुए लोगों ने कहा कि पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान को लेकर एक बहुत अच्छा सपना देखा. पहले ऐसा होता था कि लोग कहीं भी कूड़ा फेंक देते थे. लेकिन अब लोग सोच-समझकर कूड़े को डस्टबिन या किसी निर्धारित स्थान पर फेंकते हैं. कूड़े को लेकर अब लोग एक-दूसरे को सुझाव भी देते हैं कि कूड़ा-कचरा हर जगह न फैलाया जाए. अब अगर कहीं भी कूड़ा-कचरा दिखता है, तो कोई भी उसे उठाकर डस्टबिन में फेंक देता है. यह सब पीएम मोदी की देन है.
स्थानीय निवासी विकास कुमार ने कहा कि दस साल पहले पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान के बारे में बहुत अच्छा सोचा था. स्वच्छता को लेकर देश में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि लोग हर जगह डस्टबिन का इस्तेमाल कर रहे हैं. आप देख सकते हैं कि सभी खाने की दुकान और ठेले डस्टबिन का इस्तेमाल कर रहे हैं. पहले लोग जहां भी खाना खाते थे, प्लेट वहीं फेंक देते थे. पीएम मोदी का यह सपना अच्छा है और सभी को सहयोग कर इस सपने को साकार करना चाहिए.
राज सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने दस साल पहले स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी. इसके तहत लोगों ने पूरे जमशेदपुर को जगमगाता शहर बना दिया है. उन्होंने कहा कि पूरे शहर में घूम लीजिए, आपको थोड़ी सी भी गंदगी नजर नहीं आएगी. लोग मिलकर सफाई करते हैं. पीएम मोदी ने दस साल पहले स्वच्छता को लेकर जो सोचा था, उसका नतीजा आज पूरे देश में दिख रहा है. लोग इस तरह जागरूक हो चुके हैं कि अगर कोई गंदगी के बारे में सोचता भी है, तो लोग उसे रोकते हैं और इसके बारे में जागरूक करते हैं.
एक अन्य स्थानीय शख्स ने बताया कि पीएम मोदी की दूरदर्शी सोच से पूरा देश स्वच्छता से जगमगा रहा है. पहले लोग स्वच्छता के प्रति इतने जागरूक नहीं थे. लेकिन पीएम ने अपनी योजनाओं से सभी को जागरूक किया है. आज हम इतने जागरूक हो गए हैं कि कोई भी व्यक्ति गंदगी फैलाने को सोचता भी नहीं है. इसका लाभ पूरे देश व समाज को मिल रहा है.
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आरके/