कोलकाता, 7 अक्टूबर . केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें गिरफ्तार संजय रॉय को एकमात्र मुख्य आरोपी बनाया गया है.
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि सोमवार दोपहर कोलकाता की एक विशेष अदालत में दायर पहले आरोपपत्र में सीबीआई अधिकारियों ने कोलकाता पुलिस द्वारा की गई जांच के प्रारंभिक चरण के दौरान मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ का विवरण दिया है.
कोलकाता पुलिस द्वारा यह जांच, कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय एजेंसी को जांच का प्रभार सौंपे जाने से पहले की गई थी. सूत्रों ने बताया कि आरोप पत्र में विभिन्न व्यक्तियों द्वारा जांच अधिकारियों को दिए गए बयान का विवरण भी दिया गया है.
सीबीआई द्वारा मामले की जांच शुरू करने के ठीक 58 दिन बाद आरोप पत्र दाखिल किया गया.
याद रहे कि संजय रॉय, जिन्हें आरोप पत्र में बलात्कार और हत्या के एकमात्र मुख्य आरोपी के रूप में उल्लेख किया गया है. उसे कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था और बाद में सीबीआई को सौंप दिया था. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और सीबीआई ने पहले ही उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया है.
हालांकि जांच अधिकारी रॉय पर नार्को-विश्लेषण भी करना चाहते थे, लेकिन रॉय ने इसके लिए सहमति नहीं दी, इसलिए यह संभव नहीं हो सका. रॉय के अलावा, सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व एसएचओ अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया था. उन्हें शहर पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के दौरान जांच को गुमराह करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ताओं को इस बात के पुख्ता सुराग मिले हैं कि जिस तरह से मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई, वह बलात्कार और हत्या के वास्तविक अपराध से कम जघन्य नहीं है. सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारियों को यह भी लगता है कि जिस कुशलता और तत्परता के साथ सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई, उससे इस जघन्य अपराध के पीछे एक गहरे रहस्य का संकेत मिलता है.
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आरके/जीकेटी