नई दिल्ली, 7 अक्टूबर . विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि वे हिंदू उत्सवों और धार्मिक आयोजनों में विघ्न डालने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने चेतावनी देते हुए कहा कि हिंदू पर्व-त्योहारों या कुंभ जैसे महान आयोजनों की शुचिता और पवित्रता बरकरार रख, पूज्य संतों व मातृ शक्ति के सम्मान की रक्षा हेतु सम्पूर्ण हिंदू समाज कृत संकल्पित है. इन आयोजनों में विघ्न डालने वालों के विरुद्ध शासन-प्रशासन व समाज को सतर्क रहना होगा. इन उत्सवों व धार्मिक आयोजनों को अपवित्र करने वालों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने संपूर्ण देशवासियों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मां दुर्गा से प्रार्थना है कि वे हमें वह शक्ति प्रदान करें, जिससे हम राष्ट्र विरोधियों और हिंदू विरोधियों के षड्यंत्रों को समाप्त कर भारत को विश्व का शीर्षस्थ देश बनाने का अपना संकल्प पूरा कर सकें.
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की विशेषता है कि उसके उत्सव विभिन्न रंगों की छटाओं से भरे होते हैं. डांडिया नृत्य मां दुर्गा की आराधना का ही एक अनूठा आयोजन है. यह पूर्ण रूप से धार्मिक आयोजन है, जिसमें वही भाग लेता है जो मां दुर्गा के प्रति समर्पित है. दुर्भाग्य से विकृत मानसिकता से ग्रस्त जिहादियों ने अपने गंदे इरादों के साथ डांडिया पंडालों में घुसना प्रारंभ कर दिया है. कल ही हैदराबाद के डांडिया पंडाल में एक जिहादी इरशाद खान ने एक हिंदू लड़की का हाथ पकड़कर अश्लील हरकत करने की कोशिश की. परिवार का विरोध करने पर वह वहां से भाग गया. लेकिन, परिवारजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी है.
विहिप नेता ने यह भी कहा कि हिंदुओं की पूजा सामग्री व प्रसाद को भ्रष्ट करने का यह लोग हमेशा प्रयास करते ही हैं. इनके लव जिहाद के षड्यंत्र से पूरी दुनिया त्रस्त है. ऐसे में अगर विहिप, बजरंग दल व अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता दुर्गा पूजा के पंडालों में जिहादियों के आने पर रोक लगाते हैं तो क्या गलत करते हैं? क्या हम अपनी आस्था और बहन-बेटी के शील और स्वाभिमान को बचाने का भी अधिकार नहीं रखते? दुर्घटना की प्रतीक्षा नहीं की जा सकती. हम जानते हैं कि सावधानी में ही बचाव है.
बचाव या सुरक्षा के इस कार्य में लगे हिंदू युवकों को ‘हिंदू धर्म रक्षक’ बताते हुए उन्होंने कहा कि इनका सम्मान होना चाहिए. दुर्भाग्य से सेक्युलरिज्म से ग्रस्त कुछ लोग उनके लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या उन्होंने कभी थूक जिहाद, जूस में पेशाब मिलाने वाले, हिंदू उत्सवों पर पथराव करने वालों व हिंदू लड़कियों के टुकड़े-टुकड़े करने वालों के लिए जिहादी गुंडे कहने की हिम्मत दिखाई है, जबकि वे फिलिस्तीन या जिहादी आतंकी संगठनों का झंडा हाथ में लेकर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने में भी संकोच नहीं करते? अब समझ में आता है कि इन जिहादियों को कवर फायर कौन देता है?
उन्होंने यह भी कहा कि ओवैसी जैसे कट्टरपंथी नेताओं और इन सेक्युलरिस्टों की शह पर ये जिहादी कुंभ के पावन अवसर की पवित्रता को भी भंग करने का कोई अवसर नहीं छोड़ेंगे. इसलिए, साधु-संतों ने कुंभ के मेले में जिहादियों के प्रवेश पर रोक की जो मांग की है, वह एकदम उचित है. क्या हम अपनी आस्थाओं की पवित्रता की रक्षा करने के संवैधानिक अधिकार का उपयोग भी नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि सबको यह ध्यान रखना चाहिए कि सद्भाव एकतरफा नहीं हो सकता.
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एसटीपी/एबीएम