नीतिगत दरों में बदलाव की उम्मीद नहीं : विशेषज्ञ

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 7 से 9 अक्टूबर को होने वाली बैठक में रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं है. उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने रविवार को यह बात कही.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सितंबर में नीतिगत दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती करने के बाद सब की निगाहें अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में होने वाली एमपीसी की बैठक पर हैं. तीन दिवसीय बैठक 7 अक्टूबर से शुरू हो रही है और 9 अक्टूबर को समिति के फैसलों की घोषणा की जाएगी.

श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के मुख्य निवेश अधिकारी और अध्यक्ष अजित बनर्जी ने कहा, “हमें लगता है कि एमपीसी की बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखा जाएगा. रेपो रेट में कमी तब शुरू होगी, जब यह विश्वास आ जाएगी कि महंगाई नियंत्रण में है.”

उन्होंने कहा कि फिलहाल देश की विकास दर में गिरावट की आशंका नहीं है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में खुदरा महंगाई दर 3.65 प्रतिशत रही थी.

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही है. इसकी वजह आम चुनाव के कारण सरकारी खर्च में कमी है.

वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में सरकारी खर्च दोबारा शुरू हो गया है. ऐसे में विकास दर बढ़ने की उम्मीद है.

एसबीएम बैंक इंडिया के ट्रेजरी हेड मंदार पितले ने कहा कि आरबीआई एमपीसी द्वारा वैश्विक कारकों जैसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई के ग्राफ और ब्याज दरों को लेकर हाल में लिए गए निर्णय तथा अनिश्चितता के बीच निकट भविष्य में अपेक्षित दर में बदलाव की आशंका पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है.

इससे पहले अगस्त में हुई पिछली बैठक में समिति ने रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा था. आरबीआई ने फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है.

एबीएस/एकेजे