कोलकाता, 6 अक्टूबर . कोलकाता के बहुचर्चित आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज मामले में नया मोड़ आया है. वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को मेडिकल कॉलेज की परीक्षाओं के पेपर लीक कराने के लिए पैसे लेने के कुछ सबूत भी मिले हैं.
सीबीआई ने यह पता लगाया है कि कैसे कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष अपने घर में काम करने वाले आशीष पांडेय के जरिये घूस के पैसे मंगवाते थे और फिर उसके बदले छात्रों को परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करवाते थे.
सीबीआई वित्तीय अनियमितताओं और जूनियर डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी और हत्या के मामलों में घोष के खिलाफ अलग-अलग जांच कर रही है. जांच अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितताओं के मामले में आशीष पांडेय को भी हिरासत में ले लिया है.
सूत्रों के मुताबिक, आशीष पांडेय ने पूछताछ में बताया कि संदीप घोष मेडिकल छात्रों की परीक्षा में सफलता के लिए कैसे उससे पैसों का खेल करवाते थे.
घोष और पांडेय के बैंक खातों की सीबीआई गहन जांच कर रही है, ताकि किसी तरह के अवैध लेन-देन के बारे में और सुराग मिल सकें. पांडेय आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के उन 10 डॉक्टरों में शामिल हैं, जिन्हें कॉलेज प्रशासन ने शनिवार रात निष्कासित कर दिया था.
सूत्रों ने बताया कि पांडे के अलावा, सीबीआई को पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (डब्ल्यूबीएमसी) के कई बड़े अधिकारियों के साथ घोष के संबंधों का भी पता चला है. वे सभी वर्तमान में सीबीआई की जांच के दायरे में हैं.
घोष के खिलाफ अन्य आरोपों में निविदा प्रणाली में हेराफेरी, आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के बुनियादी ढांचे से संबंधित ठेके राज्य लोक निर्माण विभाग की बजाय निजी एजेंसियों को देना, जैव-चिकित्सा अपशिष्टों की तस्करी और पोस्टमॉर्टम के लिए आर.जी. कर शवगृह में आने वाले अज्ञात शवों के अंगों को बेचना शामिल है.
वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए घोष, पांडेय और तीन अन्य को सोमवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि घोष से दक्षिण कोलकाता स्थित सुधार गृह में सीबीआई अधिकारी कई बार पूछताछ कर चुके हैं, जहां वह फिलहाल बंद है.
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पीएसएम/एकेजे