प्रशिक्षण तैनाती पर ओमान पहुंचे नौसेना के जहाज

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर . भारतीय नौसेना के दो समुद्री जहाज तीर और शार्दुल, तथा भारतीय तटरक्षक बल (कोस्टगार्ड) का जहाज वीरा ओमान की राजधानी मस्कट पहुंच चुका है. लंबी दूरी की प्रशिक्षण तैनाती पर ये जहाज मस्कट पहुंचे हैं.

नौसेना के मुताबिक, यह भारत एवं ओमान के बीच मौजूदा समुद्री और रक्षा संबंधों की मजबूती का प्रतीक है. भारतीय सैन्य समुद्री जहाजों की ओमान की यह यात्रा 9 अक्टूबर तक जारी रहेगी. ओमान पहुंचने वाले ये जहाज नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) का हिस्सा हैं. वहीं, नौसेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख भी रविवार को ओमान पहुंच गए.

अपनी इस यात्रा के दौरान, भारतीय नौसेना ओमान की रॉयल नेवी के साथ समुद्री सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत करेगी. वार्ता में ‘हार्बर-डिस्कशन’ और नौसेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास को लेकर चर्चा भी शामिल है. भारतीय नौसेना का कहना है कि ओमान में नौसेना के जहाजों की तैनाती के दौरान दोनों नौसेनाओं के बीच प्रशिक्षण आदान-प्रदान, पेशेवर बातचीत और मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन भी होंगे.

पिछले 10 साल में ओमान की राजधानी मस्कट की 1टीएस की यह तीसरी यात्रा है. यह बातचीत नौसेना सहयोग को मजबूत करने और दोनों नौसेनाओं के बीच मौजूदा साझेदारी को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

नौसेना के मुताबिक, 1टीएस की यात्रा के साथ नौसेना की दक्षिणी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ फ्लैग ऑफिसर वाइस एडमिरल वी. श्रीनिवास भी रविवार 6 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2024 तक ओमान की आधिकारिक यात्रा पर होंगे. यात्रा के दौरान नौसेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख ओमान के सुल्तान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल अब्दुल्ला बिन खामिस अल रायसी के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे.

वाइस एडमिरल श्रीनिवास ओमान की रॉयल नेवी के कमांडर रियर एडमिरल सैफ बिन नासिर बिन मोहसिन अल-रहबी के साथ भी द्विपक्षीय चर्चा करेंगे. इसके साथ ही भारतीय नौसेना के यह अधिकारी ओमान में प्रमुख रक्षा और प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों का भी दौरा करेंगे.

भारतीय नौसेना और ओमान की रॉयल नेवी विभिन्न क्षेत्रों में संचालन, प्रशिक्षण और सहयोगात्मक प्रयासों में एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की इच्छुक रही हैं. हाल ही में, भारतीय नौसेना और ओमान की रॉयल नेवी स्टाफ वार्ता का छठा संस्करण 24 जून को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. अब भारतीय नौसेना के 1टीएस की इस यात्रा से दोनों मित्र राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे.

जीसीबी/एकेजे