कोलकाता, 6 अक्टूबर . कोलकाता के एस्प्लेनेड में छह जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. ये डॉक्टर सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अपनी सहकर्मी के साथ हुए बलात्कार और हत्या के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे हैं.
आमरण अनशन पर बैठे छह जूनियर डॉक्टरों में तीन महिलाएं और तीन पुरुष हैं. वहीं उनके सहकर्मी अपने-अपने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में मरीजों की सेवा करने के लिए ड्यूटी पर लौट आए हैं.
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के एक प्रतिनिधि ने कहा, ”हमने मरीजों के हित को ध्यान में रखते हुए अपनी काम रोकने की हड़ताल वापस ले ली है. लेकिन साथ ही हम छह लोगों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है ताकि राज्य सरकार को यह संदेश दिया जा सके कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम झुकने वाले नहीं हैं.”
इस बीच, अनशन कर रहे छह डॉक्टरों में से एक पुलस्त्य आचार्य ने रविवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्होंने कहा कि उन्होंने भूख हड़ताल स्थल के पास एक बायो-टॉयलेट लगाने के लिए कोलकाता पुलिस से अनुमति मांगी है.
आचार्य ने कहा, “हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि बायो-टॉयलेट का इस्तेमाल केवल भूख हड़ताल में हिस्सा लेने वाले लोग ही करेंगे. हालांकि, पुलिस ने हमारे आवेदन का जवाब नहीं दिया. शनिवार को ही हमने इसकी व्यवस्था करने की कोशिश की थी. लेकिन पुलिस ने हमें इसकी अनुमति नहीं दी.”
एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से आचार्य के अलावा, अन्य पांच अनशनकारी जूनियर डॉक्टर कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से तान्या पांजा, स्निग्धा हाजरा और अनुष्टुप मुखोपाध्याय, केपीसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से सायंतनी घोष हाजरा और एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से अर्नब मुखोपाध्याय हैं.
अर्नब मुखोपाध्याय ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि एक साधारण बायो-टॉयलेट स्थापित करने में इतनी जटिलताएं आएंगी. अब हम भूख हड़ताल स्थल से कुछ दूरी पर सार्वजनिक शौचालय का उपयोग कर रहे हैं. चाहे कुछ भी हो जाए, हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.”
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एफजेड/