शिमला, 5 अक्टूबर . शिमला की एक अदालत ने शनिवार को संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने का आदेश दिया है. नगर आयुक्त की अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया. उन्हाेंने दो महीने के भीतर दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को ध्वस्त करने का आदेश दिया.
यह निर्णय मस्जिद समिति के एक आवेदन के बाद आया है, जिसने स्वयं विध्वंस का प्रस्ताव दिया था. अदालत ने आदेश दिया कि विध्वंस मस्जिद समिति के खर्च पर किया जाए. मामले में अगली सुनवाई अब 21 दिसंबर 2024 को होगी.
अधिवक्ता बी.एस. ठाकुर ने कहा, “मस्जिद समिति ने कहा है कि वह पूरा आदेश आने के बाद आगे के कदम पर विचार करेगी.”
उन्होंने कहा, “शेष ढांचे के बारे में आगे फैसला लिया जाएगा.”
वक्फ बोर्ड ने पहले मस्जिद निर्माण को उचित ठहराया था. बोर्ड का कहना था कि मस्जिद निर्माण में नियमों का उचित पालन किया गया है, लेकिन बाद में अपने दावे के संबंध में दस्तावेज उपलब्ध कराने में विफल रहा.
वहीं, स्थानीय निवासियों ने मस्जिद के विध्वंस की मांग की थी. नगर निगम ने पहली बार 2011 में एक नोटिस जारी किया था, लेकिन 2018 तक बिना किसी उचित दस्तावेज और नियमों का पालन करते हुए पांच मंजिल तक मस्जिद का निर्माण कर लिया गया.
हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद का विरोध किया और इसे अवैध बताया.
यह मुद्दा हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी पहुंचा था, जहां ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विध्वंस का समर्थन किया था, और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बात पर जोर दिया था कि राज्य के सभी निवासी, बिना किसी भेदभाव के बराबर सम्मान के पात्र हैं.
शिमला के मल्याणा इलाके से एक घटना प्रकाश में आई थी, जहां एक हिंदू व्यक्ति पर छह व्यक्तियों द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया था. गंभीर रूप से घायल हुए पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसमें दावा किया गया कि हमलावरों ने पास की एक मस्जिद में शरण ली थी. इसके बाद, कई हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और मस्जिद को अवैध बताते हुए ध्वस्त करने की मांग की थी.
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एसएचके/