दीपशिखा नागपाल ने बताया कि कैसे देव आनंद ने उन्हें अपने साथ काम करने के लिए राजी किया

मुंबई, 5 अक्टूबर . अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल ने खुलासा किया है कि उन्होंने एक्टिंग को अपना करियर इसलिए चुना क्योंकि, प्रतिष्ठित अभिनेता-फिल्म निर्माता देव आनंद ने उनसे कहा था.

अभिनेत्री ने कहा, मेरा परिवार, खास तौर पर मेरे नानाजी, पहले से ही फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा थे. मूक फिल्मों के दौर से ही मेरे नानाजी ने दादा मुनि (अशोक कुमार) और महमूद जैसे दिग्गजों को मौका दिया था. मेरी मां गुजराती फिल्मों में अभिनेत्री थीं और मेरे पिता निर्देशक, लेखक और अभिनेता थे. दिग्गज अभिनेता देव आनंद अपनी फिल्म के लिए लड़कियों की तलाश कर रहे थे और मेरी मां मुझे और मेरी बहन को उनसे मिलवाने ले गई थी.

दीपशिखा ने बताया कि उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि देव आनंद मेरी बहन को नहीं बल्कि उन्हें साइन करना चाहते थे. भले ही वह एक अभिनेत्री बनने की आकांक्षा रखती थी.

देव आनंद के प्रस्ताव को मैंने ठुकरा दिया. क्योंकि अभिनय कभी मेरा सपना नहीं था. मैं मिस इंडिया या एक स्वतंत्र कॉर्पोरेट महिला बनना चाहती थी, शायद एक फैशन डिजाइनर भी. लेकिन देव साहब लगातार कोशिश करते रहे और आखिरकार उन्होंने मुझे अपने साथ काम करने के लिए मना लिया.

अभिनेत्री ने दिवंगत स्टार के साथ बिताए पलों को याद करते हुए कहा, “मुझे अभी भी उनके शब्द याद हैं, ‘दीपशिखा, मेरे साथ काम करो और अगर तुम नहीं चाहती हो तो किसी और के साथ काम मत करना.’ मैं आखिरकार राजी हो गई, हालांकि मैंने जोर दिया कि वह मेरी बहन को भी साइन करें.

अभिनेत्री ने बताया कि उनकी पहली फिल्म गैंगस्टर थी. मुझे लगा था कि यह मेरी आखिरी फिल्म होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इंडस्ट्री ने मुझे नोटिस करना शुरू कर दिया. लोग मेरी तुलना परवीन बॉबी से करने लगे, और मैंने इस सफर का आनंद लेना शुरू कर दिया.

दीपशिखा ने खुलासा किया कि उन्हें 1995 की फिल्म “करण अर्जुन” की पेशकश की गई थी, जिसमें सलमान खान और शाहरुख खान मुख्य भूमिका में थे. उन्होंने कहा, मुझे राकेश रोशन ने ‘करण अर्जुन’ की पेशकश की थी. लेकिन, मुझे अफसोस है कि मैंने इसे ठुकरा दिया था. मैं देव आनंद की गैंगस्टर में काम कर रही थी.

अभिनेत्री ने बताया कि उन्होंने फिल्मों से टेलीविजन की ओर रुख क्यों किया. उन्होंने बताया कि मैंने शादी करने के बाद अपना ध्यान फिल्मों से टेलीविजन की ओर मोड़ लिया. लगभग उसी समय, मॉरीन वाडिया की ग्लैडरैग्स मिसेज इंडिया प्रतियोगिता शुरू हुई, और मैंने इसमें भाग लेने का फैसला किया. यह कुछ ऐसा था जिसे मैं खुद अनुभव करना चाहती थी.

अभिनेत्री ने कहा, “मैंने 2003 की मिसेज इंडिया प्रतियोगिता में भाग लिया और प्रथम रनर-अप रही. साथ ही कोहिनूर वूमन ऑफ द ईयर का खिताब भी जीता. पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे अपने सफर पर गर्व होता है, भले ही मैंने करण अर्जुन जैसे कुछ अवसर गंवा दिए हों. लेकिन मेरा मानना ​​है कि सब कुछ किसी कारण से होता है. अब, मुझे उम्मीद है कि अगर मेरी बेटी कभी मेरे नक्शेकदम पर चलना चाहती है या मार्गदर्शन चाहती है, तो मैं उसका समर्थन करने के लिए वहां मौजूद रहूंगी.

डीकेएम/जीकेटी