गाजियाबाद, 5 अक्टूबर . डासना मंदिर के महंत द्वारा दिए गए बयान के बाद शुरू हुआ बवाल अभी शांत नहीं हुआ है. वहीं, इस पर राजनीति और वाद-विवाद भी शुरू हो चुका है. गाजियाबाद के लोनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक नंदकिशोर गुर्जर शनिवार को डासना मंदिर पहुंचे.
यहां उन्होंने कहा कि मंदिर पर हमला करने वालों पर लाठी नहीं, बल्कि गोलियां चलानी चाहिए. नंदकिशोर गुर्जर ने कहा है कि एनसीआर में यह सबसे पुराना मंदिर है और इसका वर्णन हमारे इतिहास की किताबों में भी आता है. यहां परशुराम जी ने भी पूजा की थी.
उन्होंने कहा कि मंदिर पर शुक्रवार की रात हुआ हमला बेहद गलत है. सनातन धर्म और सनातन धर्म से जुड़े लोगों पर लगातार हो रहे हमले की वजह से महाराज जी ने आवेश में कुछ कहा था. चाहे वह बांग्लादेश में हो या कहीं और. लेकिन मंदिर पर हुआ हमला गलत है. यह मंदिर हजारों साल पुराना है.
नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि पुलिस ने शुक्रवार रात लाठीचार्ज कर भीड़ को भगाने का नाटक किया, उसे 10-20 लोगों को गोली मारना चाहिए था. 10-20 मर जाते, तो इस तरीके का बवाल करने वाले नहीं होते. जब सर तन से जुदा के नारे लगते हैं, तो क्या कोई हिंदू किसी मस्जिद पर जाकर पथराव करता है. यह देश कानून से चलता है. अगर कोई दिक्कत थी, तो एफआईआर दर्ज करानी चाहिए थी.
उन्होंने कहा कि मंदिर पर हमला करना सनातन धर्म पर हमला करने जैसा है. इसलिए आरोपियों पर एनएसए लगाकर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए. यहां के लोकल मुसलमानों को आरोपियों को पकड़वाने में मदद करनी चाहिए. आरोपी बाहर के रोहिंग्या थे. उन्होंने कहा, मैं पहले से ही कहता आ रहा हूं कि अगर हिंदू उठ खड़ा हुआ, तो फिर आर-पार की जंग होगी.
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पीकेटी/एबीएम