रांची, 5 अक्टूबर . झारखंड में सरकारी नौकरी की एक और परीक्षा विवादों में फंस गई है. कुल 921 पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित नगरपालिका सेवा संवर्ग संयुक्त परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं. कुछ केंद्रों पर परीक्षा देने वाले लगातार क्रमांक के कई अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं. छात्र-युवा इसे सेटिंग का परिणाम बता रहे हैं. कुछ संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
नगरपालिका सेवा संवर्ग की इस नियुक्ति परीक्षा का आयोजन झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने कुछ महीने पहले किया था. इसका विज्ञापन वर्ष 2023 में ही जारी हुआ था. परीक्षा के बाद इसका रिजल्ट 4 अक्टूबर को जारी किया गया है. इसके तहत सबसे अधिक संख्या में 645 सेनेटरी सुपरवाइजरों की नियुक्ति होनी है. इसके अलावा राजस्व निरीक्षक के 184, विधायक सहायक के 46, सेनेटरी और फूड इंस्पेक्टर के 24, गार्डन सुपरिंटेंडेंट के 12 और वेटनरी ऑफिसर के 10 पदों पर नियुक्ति की जानी है. परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच 7 अक्टूबर को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के नामकुम स्थित कार्यालय में की जाएगी.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने परीक्षा के रिजल्ट पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “यह परीक्षा भले ही नई हो पर सीट बेचने की स्क्रिप्ट वही है. नगरपालिका सेवा संवर्ग परीक्षा की मेधा सूची में क्रम से अभ्यर्थियों के सफल होने के बाद से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. संभव है कि हेमंत सोरेन ने नगरपालिका सेवा संवर्ग परीक्षा में सीट बेचने वाली जेपीएससी और पीजीटी परीक्षा वाली पुरानी स्क्रिप्ट ही चुनी और लगातार क्रम से अभ्यर्थियों को पास कर दिया.”
बाबूलाल ने कहा, “हेमंत सरकार ने ऐसा ही कारनामा जेपीएससी और पीजीटी की परीक्षा में भी किया था. इस दौरान भी एक ही सेंटर और लगातार क्रम से सैकड़ों अभ्यर्थी परीक्षा में पास हुए थे.”
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एसएनसी/एबीएम