मिट्टी की उर्वरता को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती देश की सबसे बड़ी जरूरत : हरिभाऊ बागड़े

जयपुर, 5 अक्टूबर . राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने शनिवार को किसानों से स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्राकृतिक खेती की ओर लौटने का आह्वान किया है.

राज्यपाल ने न्यूनतम लागत, ज्यादा उपज, उच्च गुणवत्ता और रसायन मुक्त खेती के साथ स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे ‘गांव का पैसा गांव में और शहर का पैसा शहर में’ के सिद्धांत का पालन करें और देश की समृद्धि में योगदान दें.

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने शनिवार को खाटूश्यामजी में बजाज फाउंडेशन के जमनालाल कनीराम ट्रस्ट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सुभाष पालेकर कृषि कार्यशाला (वर्कशॉप) को संबोधित किया. इसी दौरान उन्होंने ये बयान दिया. इस वर्कशॉप में देश के 13 राज्यों के किसान भाग ले रहे हैं.

राज्यपाल ने जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और यह सुनिश्चित करने के प्रयास करने पर भी बल दिया कि गांव का पानी गांव में ही रहे.

राज्यपाल ने कहा कि धरती अन्नपूर्णा है और मिट्टी की उर्वरता को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती देश की सबसे बड़ी जरूरत है. उन्होंने कहा कि यूरिया, डीएपी और कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल से गंभीर बीमारियां बढ़ी हैं.

उन्होंने कहा, “मिट्टी के अनुकूल बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीवों की संख्या बेहद कम हो गई है. इन उर्वरकों के कारण कैंसर जैसी असाध्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इन सबसे बचने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती अपनानी चाहिए.”

इससे पहले राज्यपाल बागड़े ने सीकर में श्री खाटूश्यामजी मंदिर में श्री श्याम बाबा के दर्शन कर पूजा-अर्चना की थी. उन्होंने श्री श्याम बाबा से राज्य की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की.

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