न्यूयॉर्क, 4 अक्टूबर . न्यूयॉर्क में लोगों ने हडसन नदी के ऊपर और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के चारों ओर लहराते एक विशाल एयरलाइन बैनर को देखा. इस बैनर में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा को रोकने की अपील की गई.
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से देश के अल्पसंख्य हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. 5 अगस्त, 2024 बांग्लादेश की तत्कालीन पीएम शेख हसीना अपनी सत्ता छोड़ भारत भाग गई थीं. इसके बाद से अब तक हिंदू समुदाय पर लगभग 250 वेरिफाइड अटैक हुए हैं और 1,000 से अधिक घटनाओं की सूचना दी गई है.
बांग्लादेशी हिंदू और इस इवेंट के आयोजकों में से एक सीतांगशु गुहा के मुताबिक, “बांग्लादेश में हिंदू विलुप्त होने के कगार पर हैं. उम्मीद है कि इससे सभ्य दुनिया में जागरूकता बढ़ेगी और संयुक्त राष्ट्र, बांग्लादेश में कट्टरवादी इस्लामी ताकतों के पीड़ितों को बचाने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रेरित होगा.’
गुहा ने कहा, ‘अगर बांग्लादेश हिंदू मुक्त हो जाता है, तो यह अफगानिस्तान 2.0 बन जाएगा. आतंकवादी पड़ोसी भारत और पश्चिम सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल जाएंगे. यह हर किसी की समस्या है.’
इंटरफेथ ह्यूमन राइट्स गठबंधन के सदस्य पंकज मेहता ने कहा, “अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद राजनीति को किनारे रखकर 1971 के बांग्लादेश नरसंहार को आधिकारिक रूप से मान्यता दे, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा जेनोसाइड था.’
मेहता ने बताया, ‘तीन यूएस बेस्ड संगठन- द लेमकिन इंस्टीट्यूट फॉर जेनोसाइड प्रिवेंशन, जेनोसाइड वॉच और इंटरनेशनल कोलिशन ऑफ साइट्स ऑफ कॉन्शियस- ने 1971 में पाकिस्तानी सेना और उनके इस्लामिस्ट सहयोगियों द्वारा किए गए अत्याचारों को नरसंहार के रूप में मान्यता दी. इन अत्याचारों का मुख्य निशाना हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय था. संयुक्त राष्ट्र को भी ऐसा ही करना चाहिए और एक और अन्य जेनोसाइड को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.”
अमेरिका के न्यूजर्सी में ‘श्री गीता संघ’ के संस्थापक सदस्य सुरजीत चौधरी ने बांग्लादेश सरकार से हिंदू समुदाय के खिलाफ सभी हिंसा को रोकने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से राजनीतिक मतभेदों को दूर करने की अपील की.
बांग्लादेश में हिंदू दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. 2022 की जनगणना के अनुसार, लगभग 13.1 मिलियन लोगों ने खुद को हिंदू बताया, जो 165.15 मिलियन लोगों की कुल आबादी का 7.95% है.
जनसंख्या की दृष्टि से, पड़ोसी देशों भारत और नेपाल के बाद बांग्लादेश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू आबादी वाला देश है.
बांग्लादेश के 64 जिलों में से 61 में हिंदू धर्म दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, लेकिन बांग्लादेश में कोई भी हिंदू बहुल जिला नहीं है.
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