यूपी में महिलाओं की सहूलियत के लिए सीएम योगी ने ‘पिंक बस टॉयलेट’ का किया लोकार्पण

गोरखपुर, 3 अक्‍टूबर . महिलाओं की गरिमा और सम्मान से जुड़ी बड़ी सहूलियत देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र के पहले दिन सिविल लाइंस स्थित पार्क रोड पर ‘पिंक बस टॉयलेट’ का लोकार्पण किया.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के वाहनों, सीवेज सफाई की अत्याधुनिक मशीनों,ट रोबोट और विदेश से मंगाई गई डी-वॉटरिंग फीकल स्लज सेफ्टी मशीन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. साथ ही उन्होंने नवरात्रि दुर्गा उत्सव के उपलक्ष्य में स्वच्छ पंडाल पोस्टर का विमोचन भी किया और लोगों को जीरो वेस्ट त्योहार मनाने के लिए प्रेरित किया.

‘पिंक बस टॉयलेट’ का फीता काटकर लोकार्पण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंदर जाकर इसका अवलोकन-निरीक्षण किया और इसमें बनाई गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली. उन्होंने ‘पिंक बस टॉयलेट’ के पिछले हिस्से में बने कैफे का भी उद्घाटन किया और इस कैफे का संचालन करने वाली महिलाओं से बातचीत कर उनका उत्साह बढ़ाया. नगर निगम की तरफ से सिविल लाइंस क्षेत्र में इस ‘पिंक बस टॉयलेट’ की शुरुआत होने के साथ इसकी संख्या दो हो गई है.

इसके पहले एक ‘पिंक बस टॉयलेट’ रामगढ़ताल रोड पर बुद्धा गेट के आगे पहले से ही क्रियाशील है. ‘पिंक बस टॉयलेट’ को कबाड़ घोषित रोडवेज की बसों को मोडिफाइड करके बनाया गया है. इसमें इंडियन और वेस्टर्न टॉयलेट, वॉश बेसिन, आदि की सुविधा है. इसमें प्रसाधन संबंधी सुविधाओं के साथ कैफे की भी सुविधा दी गई है. ‘पिंक बस टॉयलेट’ में बिजली संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर सिस्टम भी इंस्टॉल किया गया है. वाहन के पिछले हिस्से में कैफे बनाया गया है. कैफे के संचालन से जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के माध्यम से महिलाओं को रोजगार से भी जोड़ा गया है. कैफे में खानपान के सामान मिलेंगे.

सीएम योगी के हाथों सफाई वाहनों को हरी झंडी दिखाए जाने के साथ ही महानगर की सफाई व्यवस्था अब और भी सुदृढ़ हो जाएगी. सीएम योगी ने आज नगर निगम के सफाई बेड़े के शामिल डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की 12 छोटी गाड़ियों, दो बड़ी गाड़ियों को रवाना किया.

साथ ही उन्होंने करीब छह करोड़ रुपये की लागत वाली डी-वॉटरिंग फीकल स्लज सेफ्टी मशीन को भी हरी झंडी दिखाई. ये तंग गलियों में सेफ्टी टैंक की सफाई कर मशीन में ही डी-वॉटरिंग कर स्लज और सीवेज के जल को अलग कर देता है. उसके बाद जल को शोधित कर सीधे नदी या तालाब में डाला जा सकता है. मुख्यमंत्री ने करीब 50 लाख रुपये की लागत वाले रोबोट का भी लोकार्पण किया. दूर से संचालित रोबोट से सफाई मजदूरों को खतरनाक और तंग सीवर पाइपों में प्रवेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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