‘हम ताउम्र पीएम मोदी को चूरमा भेजते रहेंगे’, जानिए ऐसा क्यों बोली नीरज चोपड़ा की फैमिली

पानीपत, 3 अक्टूबर . भारत के ओलंपियन और स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें पहले भी कहा था कि आपने अभी तक हमें चूरमा नहीं दिया. इससे पहले तो नीरज उसे ले जाने से चूक गए थे, लेकिन इस बार जब नीरज को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया गया, तो हमने उसे उसकी मां के हाथ का बना हुआ चूरमा दिया, ताकि वो उसे प्रधानमंत्री के साथ रात्रिभोज में साझा कर सके.

नीरज के पिता ने कहा, “हमें इस बात की खुशी है कि प्रधानमंत्री ने हमारे चूरमे को अपने रात्रिभोज में शामिल किया. यही नहीं, प्रधानमंत्री ने इसे नवरात्रि से पहले का अन्न बताया. इससे बड़ी खुशी की बात हमारे लिए नहीं है. भोज में जमैका के प्रधानमंत्री भी शामिल थे. यह हमारे लिए गर्व की बात है. प्रधानमंत्री ने हमारे चूरमे की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि यह चूरमा हमें राष्ट्र चलाने की शक्ति देगा.”

नीरज की मां सरोज देवी ने कहा, “नीरज ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चूरमा दिया. प्रधानमंत्री ने चूरमा खाने के बाद अपनी मां को भी याद किया. उन्होंने इसे नवरात्रि से पहले का अन्न बताया और कहा कि यह हमें राष्ट्र चलाने की शक्ति देगा. प्रधानमंत्री जब-जब हमसे चूरमा मांगेंगे, हम उन्हें देंगे. प्रधानमंत्री ने नवरात्रि से पहले चूरमा खाया. यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने चूरमा खाने के बाद इतनी बड़ी दुआ दी है. हम पीएम मोदी को हर बार चूरमा भेजेंगे. यह उन्हें राष्ट्र की रक्षा करने की हिम्मत प्रदान करेगा.”

नीरज के चाचा भीम चोपड़ा ने कहा, “प्रधानमंत्री ने नीरज से पूछा था कि आखिर आप हमें अपनी मां के हाथ का बना हुआ चूरमा कब खिला रहे हो. भगवान ने हमें ये मौका दिया. प्रधानमंत्री ने नीरज को अपने आवास पर होने वाले भोज पर बुलाया, तो हमें मौका मिला कि हम उन्हें चूरमा खिला सकें. प्रधानमंत्री को दो तीन तरह का चूरमा दिया गया. इस मौके पर जमैका के प्रधानमंत्री भी शामिल थे. प्रधानमंत्री ने चूरमा खाने के बाद नीरज की मां को पत्र भी लिखा. यह पत्र हमारे लिए बहुत भावनात्मक रहा. इस पत्र में उन्होंने कहा कि इसे खाने के बाद मुझे मेरी मां की याद आ गई. यह चूरमा मुझे राष्ट्र को संचालित करने की हिम्मत देगा.”

नीरज के चाचा ने कहा, “हमें ऐसे ही प्रधानमंत्री सदैव मिले. हम उन्हें ताउम्र चूरमा खिलाते रहेंगे.”

एसएचके/जीकेटी