योगी सरकार ने आजमगढ़ मंडल को भी बनाया ‘रूरल टूरिज्म डेवलपमेंट स्ट्रैटेजी’ का हिस्सा

लखनऊ, 3 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने की प्रक्रिया में एक नए अध्याय को जोड़ा है. प्रदेश की समृद्ध ग्रामीण परिवेश को घरेलू और विदेशी पर्यटकों में प्रसिद्ध बनाने की परियोजना में अब आजमगढ़ मंडल को भी शामिल किया जा चुका है.

सीएम योगी के विजन अनुसार योजना के अंतर्गत, आजमगढ़, मऊ और बलिया में 4 गांवों में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे समेत विभिन्न पर्यटन सुविधाओं विकास किया जाएगा.

गौरतलब है कि आजमगढ़ मंडल के गांवों को इस योजना के साथ जोड़ने के बाद अब कुल मिलाकर रूरल टूरिज्म के लिए डेवलप किए जा रहे गांवों की संख्या 97 हो गई है. देवीपाटन, चित्रकूट, अयोध्या, लखनऊ तथा वाराणसी मंडल में पहले से ही इस परियोजना के अंतर्गत क्रियान्वयन शुरू हो चुका है.

माना जा रहा है कि सूबे के अन्य मंडलों के चिह्नित गांवों को भी इस प्रक्रिया से जल्द ही जोड़ा जाएगा. इन सभी पर्यटन विकास एवं निर्माण कार्यों को उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा सीएम योगी के विजन अनुसार पूरा किया जा रहा है और योजना को गति देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

सीएम योगी के विजन अनुसार, परियोजना के अंतर्गत आजमगढ़, मऊ और जौनपुर जिलों में कुल 4 गांवों का चयन रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे परियोजना के लिए चयनित किया जाएगा. सभी चारों गांव में एक विलेज को ऑर्डिनेटर, एक-एक जिला को ऑर्डिनेटर, एक टूरिज्म एक्सपर्ट, एक रूरल डेवलपमेंट एक्सपर्ट और टीम लीड की तैनाती होगी.

हर एक गांव में 10 लोकल गाइड, 5 स्टोरी टेलर, तथा लोकल कुजीन का स्वाद उपलब्ध कराने का दायित्व 5 परिवारों को सौंपा जाएगा. इसके अतिरिक्त, जरीदोजी, मूंज, लकड़ी के शिल्पकार, कुम्हार तथा बोटिंग, फिशिंग, फल और सब्जी तोड़ने तथा साइक्लिंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 20 कलाकारों तथा स्थानीय लोगों को कार्यभार सौंपा जाएगा.

ग्राम स्तर पर 10 होम स्टे तक निर्मित किए जा सकेंगे. इनकी रजिस्ट्रेशन, विकास और नियमन इत्यादि की प्रक्रिया को स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार की पॉलिसी के अनुरूप पूरा किया जाएगा. सारी प्रक्रिया उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के दिशा-निर्देशन में पूरी की जाएगी.

परियोजना के अनुसार, सभी रूम स्टे निधि प्लस पोर्टल के साथ भी एकीकृत होंगे. इसके अतिरिक्त, 4 आइसोलेटेड एग्रो टूरिज्म प्रॉपर्टीज के विकास की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा. परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक तीन महीने में गांवों में टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाएंगे. साथ ही, इन सभी ग्रामों का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाकर उन्हें प्रमोट किया जाएगा. ग्रामों में 15 रूम तक की कैपेसिटी पर रूम स्टे विकसित किए जाएंगे. सारी विकास प्रक्रिया को 6 महीने के 3 चरण, 4 महीने के चौथे चरण तथा 2 महीने के पांचवें चरण के रूप में 24 महीनों यानी दो वर्षों की अवधि में विकसित किया जाएगा.

एसके/एबीएम