नई दिल्ली, 1 अक्टूबर . वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने हरियाणा और पंजाब में उड़न दस्ते (फ्लाइंग स्क्वायड) तैनात किए हैं. केंद्र सरकार के मुताबिक इन उड़न दस्तों का काम पंजाब व हरियाणा में धान की पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखना है. केंद्र सरकार के मुताबिक पंजाब के 16 और हरियाणा के 10 जिलों में ऐसे उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं.
धान की पराली जलाए जाने का प्रभाव दिल्ली-एनसीआर में स्पष्ट दिखाई पड़ता है. इसके अलावा हरियाणा और पंजाब के इलाकों में भी इससे भयंकर वायु प्रदूषण होता है. वायु प्रदूषण रोकने के लिए इन व्यापक कार्य योजनाओं का लक्ष्य खरीफ सीजन-2024 में धान की पराली जलाने की घटनाओं को रोकना है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में धान की कटाई के बाद पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बनाया जा रहा है. निगरानी व कार्रवाई को तेज करने के लिए उड़न दस्तों को 1 से 30 अक्टूबर के दौरान पंजाब और हरियाणा के चिन्हित जिलों में तैनात किया गया है. ये वे स्थान हैं, जहां धान की पराली जलाने की घटनाएं आम तौर पर अधिक होती हैं.
तैनात किए गए उड़न दस्ते जिला स्तर के अधिकारियों व नोडल अधिकारियों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगे. पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि पंजाब के जिन 16 जिलों में उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं, उनमें अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, मुक्तसर, पटियाला, संगरूर और तरनतारन शामिल हैं.
वहीं, हरियाणा के जिन दस जिलों में उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं, उनमें अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं. उड़न दस्ते संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर जमीनी स्तर की स्थिति का आकलन करेंगे.
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक ये टीमें दैनिक आधार पर आयोग और सीपीसीबी को रिपोर्ट करेंगी. इस रिपोर्ट में आवंटित जिलों में धान की पराली जलाने की आगे की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.
इसके अलावा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग जल्द ही पंजाब और हरियाणा में ‘धान की पराली प्रबंधन’ सेल स्थापित करेगा. यह सेल कृषि विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए है. धान की कटाई के मौसम के दौरान मोहाली, चंडीगढ़ में सेल स्थापित किया जाना है. जबकि, दोनों राज्यों के विभिन्न जिलों में उड़न दस्ते तैनात कर दिए गए हैं.
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जीसीबी/एबीएम