एक लाख बाढ़ पीड़ितों को राहत का सामान पहुंचाएंगे भाजपा कार्यकर्ता : दिलीप जायसवाल

पटना, 1 अक्टूबर . बिहार में प्रीपेड मीटर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है.

विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि, विपक्ष को पहले इस पूरे मामले को देखना समझना चाहिए. सरकार भी इस चीज का मूल्यांकन कर रही है. लोगों को कहीं किसी तरह की कोई दिक्कत होगाी तो सरकार उसकी परवाह करेगी. इसको लेकर विपक्ष को बेचैन होने की जरूरत नहीं है. विपक्ष 100 लोगों के घर का रैंडम जांच करके देख ले कि पहले क्या बिल आता था और अब क्या आ रहा है.

बाढ़ के बढ़ते खतरे को लेकर उन्होंने कहा कि, एक लाख परिवारों को राहत का सामान भेजने का काम हमारी पार्टी करेगी. हमारे कार्यकर्ता बाढ़ पीड़ितों के घर तक जाकर उन्हें पैकेट और खाने का सुखा सामान देंगे. पार्टी ने 11 लोगों की एक कमिटी बनाई है, जो बाढ़ राहत का काम देखेगी. इसमें स्थानीय सांसद और विधायक शामिल हैं. ये कमेटी एक लाख परिवारों को राहत सामग्री मुहैया कराएगी.

बिहार की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं अभियंता संवेदनशील स्थलों पर कैंप कर रहे हैं. विभाग के मुताबिक, गंगा नदी गांधी घाट, हाथीदह, कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि गंडक डुमरियाघाट और रेवा घाट में लाल निशान से ऊपर है.

बिहार का शोक कहलाने वाली कोसी नदी कुरसेला और बलतारा, बागमती ढेंग, सोनाखान, डूबाधार, कंसार, कटौंझा और बेनीबाद में, बूढ़ी गंडक खगड़िया में तथा कमला बलान जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर है. महानंदा भी उफान पर है. वह ढेंगरा घाट पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. नदियों के जलस्तर में वृद्धि के बाद बाढ़ का पानी नए इलाकों में फैल रहा है. कई इलाकों में स्थिति बिगड़ गई है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. उल्लेखनीय है कि नेपाल में भारी बारिश होने के बाद बिहार की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गई है. कई तटबंध क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

बाढ़ से 55 प्रखंडों की करीब 10 लाख की आबादी प्रभावित है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार के 16 जिले पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 55 प्रखंडों में 269 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है.

एकेएस/जीकेटी