बर्लिन, 1 अक्टूबर . लेबनान में गंभीर होते हालात के बीच जर्मनी ने अपने नागिरकों को सुरक्षित देश से निकालने का फैसला किया है. फेडरल रक्षा मंत्रालय ने कहा कि लेबनान से जर्मन नागरिकों को निकालने के लिए, एयरफोर्स का ए-321 विमान बेरूत के लिए उड़ान भर चुका है. बता दें लेनबान में हवाई हमलों के साथ ही इजरायल ने अब जमीनी सैन्य कार्रवाई भी शुरू कर दी है.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, फेडरल विदेश कार्यालय ने सोमवार को लेबनान की यात्रा न करने की चेतावनी दी और जर्मन नागरिकों को देश छोड़ने की सलाह दी.
जर्मन विदेश मंत्रालय ने बेरूत, रामल्लाह और तेल अवीव स्थित मिशनों के लिए अपने ‘क्राइसिस लेवल’ को फिर से बढ़ा दिया, हालांकि वहां दूतावास अभी भी चालू हैं.
सरकारी बयान के अनुसार, बेरूत में जर्मन दूतावास खुला रहेगा, लेकिन कर्मचारियों और गैर-जरूरी कर्मियों के फैमिली मेंबर्स को प्लेन से वापस जर्मनी लाया जाएगा.
इसके अलावा, बेरूत में जर्मन दूतावास बाकी जर्मन नागरिकों के साथ संपर्क में है ताकि कमर्शियल फ्लाइट और अन्य उपलब्ध साधनों से उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके.
जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि लेबनान में फिलहाल 1,800 रजिस्टर्ड जर्मन नागरिक हैं.
बता दें इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने जमीनी सैन्य अभियान को ‘सीमित, स्थानीय और लक्षित’ ऑपरेशन बताया.
बीबीसी ने मंगलवार को लेबनानी अधिकारियों के हवाले से बताया कि पिछले दो सप्ताह में 1,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि विस्थापित लोगों की संख्या दस लाख तक हो सकती है.
सोमवार को हिजबुल्लाह के उप नेता नईम कासिम ने कहा कि उनका ग्रुप इजरायल के जमीनी हमले के लिए तैयार है और ‘विजेता’ बनकर उभरेगा.
23 सितंबर से, इजरायल ने लेबनान में हवाई हमले तेज कर दिए. शुक्रवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में एक महत्वपूर्ण हमले में हिज्बुललाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसके कई सहयोगी मारे गए.
8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे. नवीनतम घटनाक्रम इसी संघर्ष का विस्तार है.
इस बीच लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने कहा कि उनका देश अपनी दक्षिणी सीमा पर इजरायल के साथ तनाव कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1701 को लागू करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि यह घोषणा इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय अपील के जवाब में की गई.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संसद अध्यक्ष नबीह बेरी से मुलाकात के बाद मिकाती ने सोमवार को कहा कि लेबनान संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के साथ समन्वय में लिटानी नदी के दक्षिण में अपनी सेना तैनात करने के लिए तैयार है.
2006 में पारित ‘संकल्प 1701’ के साथ इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच 33 दिनों तक चला युद्ध खत्म हुआ था. इसमें शत्रुता समाप्त करने और लेबनान से इजरायल की वापसी का आह्वान किया गया था. साथ ही इसमें लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) को मजबूत करने का जिक्र शामिल था ताकि लेबनानी सेना के साथ युद्ध विराम की निगरानी की जा सके.
प्रस्ताव लेबनान-इजरायल सीमा और लिटानी नदी के बीच एक असैन्यीकृत क्षेत्र स्थापित करने की बात करता है ताकि केवल लेबनानी सेना और संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल को ही इस क्षेत्र में हथियार रखने की अनुमति मिले.
इजरायल ने हिजबुल्लाह पर प्रस्ताव का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
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