जेडीएस ने लोकायुक्त एसआईटी प्रमुख के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत, निलंबन की मांग

बेंगलुरू, 30 सितंबर . जनता दल (सेकुलर) के विधायकों और विधान पार्षदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सदन के नेता सी.बी. सुरेश बाबू के नेतृत्व में सोमवार को कर्नाटक की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश के समक्ष शिकायत दर्ज कराई और लोकायुक्त एसआईटी प्रमुख एम. चंद्रशेखर को बर्खास्त करने की मांग की.

सुरेश बाबू ने कहा, “लोकायुक्त एसआईटी का नेतृत्व कर रहे एडीजीपी एम. चंद्रशेखर को सेवा से निलंबित किया जाना चाहिए और राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस संबंध में प्रस्ताव भेजकर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए.”

सुरेश बाबू ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर भ्रष्टाचार, दुर्व्यवहार, जबरन वसूली और आपराधिक मामलों में शामिल हैं.

केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी द्वारा किए गए खुलासे के बाद एसआईटी स्टाफ को लिखे पत्र में चंद्रशेखर ने उनके खिलाफ अश्लील और अपमानजनक संदेश का इस्तेमाल किया है.

यदि कुमारस्वामी ने चंद्रशेखर के खिलाफ अपमानजनक बयान जारी किया होता, तो वह अखिल भारतीय सेवा नियम 1958 के अनुसार कार्रवाई शुरू कर सकते थे.

सुरेश बाबू ने आरोप लगाया कि पत्र में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना और उसे मीडिया को जारी करना उनकी ओर से किया गया दुर्व्यवहार है.

सुरेश बाबू ने आरोप लगाया, “चंद्रशेखर 1988 बैच के आईपीएस हैं और कर्नाटक में सेवारत हैं. वह हिमाचल प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं. उन्होंने अपनी पत्नी की बीमारी और मौसम संबंधी समस्याओं का दावा करने के बाद फर्जी रिकॉर्ड बनाए और प्रभाव के बल पर कर्नाटक स्थानांतरित हो गए और यहां के कैडर में शामिल हो गए.”

उन्होंने आरोप लगाया, “चंद्रशेखर ने विभिन्न पदों पर काम किया है और महत्वपूर्ण पदों पर काम करते हुए उसने भू-माफियाओं, व्यापारियों, उद्योगपतियों और असामाजिक तत्वों के साथ संबंध बनाए हैं. वह आपराधिक मामलों, जबरन वसूली और सिलसिलेवार अपराधों में शामिल है.”

इस संबंध में 20 फरवरी 2023 को गृह विभाग के प्रधान सचिव को श्रीधर नामक व्यक्ति ने चंद्रशेखर और विजय टाटा के खिलाफ शिकायत दी थी.

इसमें आरोप लगाया गया था कि दोनों आपराधिक मामलों में लिप्त हैं, धमकी देते हैं, ब्लैकमेल करते हैं और झूठे मामले दर्ज कराते हैं तथा जबरन वसूली करते हैं.

शिकायत में कहा गया है कि विजय टाटा के खिलाफ 500 से अधिक मामले दर्ज हैं और चंद्रशेखर द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के निर्देश दिए गए थे.

शिकायत में चंद्रशेखर, विजय टाटा और कांग्रेस विधायक रवि गनीगा से जुड़े चार मामलों का ब्यौरा दिया गया है.

आरोपों के जवाब में एडीजीपी चंद्रशेखर ने अपने स्टाफ को एक पत्र लिखा और सभी आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताया.

उन्होंने अपने पत्र का समापन प्रसिद्ध नाटककार जॉर्ज बर्नार्ड शॉ को कोट करते हुए किया, “कभी भी सुअर के साथ कुश्ती मत लड़ो क्योंकि इससे आप दोनों गंदे हो जायेंगे और सुअर को यह पसंद आएगा.”

केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी और कर्नाटक लोकायुक्त एसआईटी प्रमुख एम चंद्रशेखर के बीच विवाद पर टिप्पणी करते हुए गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने सोमवार को कहा कि पुलिस अधिकारियों को जांच का अधिकार होगा.

इस मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए परमेश्वर ने कहा, “पुलिस अधिकारियों को जांच का अधिकार होगा और एसआईटी का गठन कानूनी तौर पर किया गया है. वे अपना कर्तव्य निभाएंगे. अगर पुलिस के काम में बाधा आती है, तो उनके पास इससे निपटने के लिए अपनी प्रक्रिया होगी और वे कदम उठाएंगे. मैं इस पर और कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.”

एकेएस/