विपक्षी दल हमारी योजनाओं की नकल कर रहे हैं : शिवराज सिंह चौहान

भोपाल, 30 सितंबर . मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही मैया सम्मान जैसी योजना को अपनी सरकार की नकल बताया. इसके अलावा उन्होंने किसानों और कम आय वर्ग वाली जनता के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धताओं को दोहराया.

उन्होंने झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई मैया सम्मान योजना पर तंज कसते हुए कहा, “विपक्षी दल हमारी नकल कर रहे हैं. हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को अपने यहां नाम बदलकर लागू कर रहे हैं, लेकिन हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, बल्कि मुझे खुशी है कि वह ऐसा करके कहीं न कहीं महिलाओं का ही सशक्तिकरण ही कर रहे हैं.”

इस बीच, उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से हुई मुलाकात को लेकर भी अपनी बात रखी.

उन्होंने कहा, “हमने उनके साथ मिलकर प्रदेश के विकास और किसानों की बेहतरी पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. मसूर और उड़द की दाल हमने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है, ताकि प्रदेश के किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सकें.”

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत साढ़े तीन लाख आवास मध्य प्रदेश के गरीबों को देने का काम किया है. पीएम योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश में 312 सड़कों का निर्माण होगा. इस दिशा में पूरी रूपरेखा को स्वीकृति दी जा चुकी है. आयातित खाद्य तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी पहले शून्य थी. इस पर अब हमने 27 फीसद ड्यूटी लगाने का फैसला किया है, ताकि सस्ता तेल भारत न आए. सोयाबीन, सरसों, मूंगफली का उचित फायदा किसानों को मिले, इस दिशा में हमने फैसला किया है. इसके अलावा, हमने सामान्य चावल पर भी लगे प्रतिबंध को हटा दिया है, ताकि हमारे देश का चावल बाहर जाए और हमारे किसानों को फायदा पहुंचे.”

उन्होंने आगे कहा, “2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना में कई नाम छूट गए थे. अब उन सभी नामों को इस योजना में जोड़ने की कवायद शुरू की जा चुकी है. पहले कई लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाता था. जैसे अगर किसी का मासिक वेतन 10 हजार रुपए से अधिक होता था, तो उसे उस योजना से वंचित कर दिया जाता था. इसके अलावा, अगर किसी के पास दोपहिया वाहन होते थे, तो उसे भी योजना के लाभ से वंचित कर दिया जाता था, लेकिन अब हमने इन सभी नियमों में फेरबदल करने का फैसला किया है, ताकि इस योजना के अंतर्गत मिलने वाला लाभ अन्य लोगों तक पहुंच सकें.”

एसएचके/एएस