नई दिल्ली, 30 सितंबर . इस साल का दादासाहेब फाल्के पुरस्कार मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को दिया जाएगा. सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिग्गज अभिनेता को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.
मिथुन चक्रवर्ती को यह पुरस्कार देने की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “कोलकाता की गलियों से लेकर सिनेमा की ऊंचाइयों तक, मिथुन दा की अद्भुत सिने यात्रा ने पीढ़ियों को प्रेरित किया है. दादासाहेब फाल्के चयन समिति ने भारतीय सिनेमा में उनके ऐतिहासिक योगदान के लिए उन्हें इस सम्मान से नवाजने का निर्णय लिया है.”
मंत्री ने बताया कि यह पुरस्कार 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में 8 अक्टूबर को मिथुन चक्रवर्ती को प्रदान किया जाएगा.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, “मुझे खुशी है कि मिथुन चक्रवर्ती जी को भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान को मान्यता देते हुए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. वह एक कल्चरल आइकन हैं, जिनको अपने बहुमुखी प्रदर्शन के लिए पीढ़ियों से सराहना मिली हैं. उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं.”
दूसरी ओर, इस अवार्ड पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का कहना है, “हमें बड़ा अफसोस है कि इस बार का पुरस्कार पीएम नरेंद्र मोदी को नहीं मिला. वह इसके हकदार थे. पूरे देश में अगर कोई कलाकार है, तो वह पीएम मोदी हैं.”
उल्लेखनीय है कि मिथुन चक्रवर्ती ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत मृणाल सेन की फिल्म मृगया (1976) से की थी, जिसके लिए उन्हें पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला. यह फिल्म भारत और उस समय के सोवियत संघ में भी बड़ी हिट रही थी. इसके बाद 1982 में आई फिल्म ‘डिस्को डांसर’ के जरिए मिथुन दा पूरी दुनिया में मशहूर हो गए.
ज्ञात हो कि, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भारत का सबसे बड़ा सिनेमा पुरस्कार है, जो हर साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा दिया जाता है. यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्ति को प्रदान किया जाता है.
मिथुन चक्रवर्ती को हाल ही में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था. अप्रैल में हुए इस समारोह में उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान प्राप्त किया. इस बारे में उन्होंने कहा था, “मैं बहुत खुश हूं. मैंने कभी भी अपने लिए किसी से कुछ नहीं मांगा. जब मुझे गृह मंत्रालय से फोन आया कि मुझे पद्म भूषण दिया जा रहा है, तो मैं एक मिनट के लिए चुप हो गया, क्योंकि मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी.”
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