काठमांडू, 29 सितंबर . नेपाल में मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ से भारी तबाही मची हुई है. भूस्खलन और बाढ़ के कारण रविवार तक 104 लोगों की मौत हो गई और 64 अन्य लापता हो गए.
नेपाल पुलिस के प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने बताया, “शुक्रवार शाम से लगातार हो रही बारिश की वजह से आई आपदाओं में 74 लोग घायल हुए हैं.
पुलिस प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि काठमांडू घाटी में 48 लोगों की मौत और 15 लोगों के घायल होने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं 21 लोग अभी भी लापता हैं. बचाव के प्रयास जारी हैं. हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है.
उन्होंने कहा कि बाढ़ और भूस्खलन के कारण लगभग सभी प्रमुख हाईवे बंद हो गए हैं. हाईवे साफ होने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे.
जिला पुलिस के उप-प्रवक्ता प्रहलाद एस. ने बताया कि शनिवार शाम को धादिंग जिले के ज्यापले खोला में भूस्खलन से दबे दो वाहनों से 14 शव बरामद किए गए. यह घटना काठमांडू को जोड़ने वाले त्रिभुवन हाईवे पर हुई.
उन्होंने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि भूस्खलन में दबी एक और यात्री बस को निकाला जा रहा है.
इस प्राकृतिक आपदा के बीच नेपाल के शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी स्थानीय सरकारों से रविवार से तीन दिनों के लिए स्कूलों को बंद करने का आग्रह किया है.
बता दें कि नेपाल में इस साल मानसून के दौरान औसत से ज्यादा बारिश हुई है. उफनती नदियों के कारण काठमांडू के कुछ हिस्सों में पानी भर गया है. कई घर पानी में डूब गए हैं और लोगों को ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
शहर के दक्षिणी हिस्से का एक बड़ा इलाका ज्यादातर बाढ़ ग्रस्त था और चार लोगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था. ये लोग अपने घर छोड़ने में असमर्थ थे. काठमांडू के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति और इंटरनेट सेवा काफी समय तक बाधित रही.
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