कोलकाता, 28 सितंबर . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में अपना तीसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल किया.
आरोप पत्र कोलकाता की एक विशेष अदालत में दाखिल किया जाना था, जहां मामले की सुनवाई चल रही है. लेकिन शनिवार को विशेष अदालत बंद होने के कारण ईडी अधिकारियों ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया और साथ में एक आवेदन भी दिया, ताकि इसे विशेष अदालत को भेजा जा सके.
घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के देगांगा से तृणमूल कांग्रेस के नेता अनीसुर रहमान और उनके भाई मुकुल रहमान का नाम तीसरे पूरक आरोपपत्र में शामिल किया गया है.
रहमान बंधुओं के अलावा दो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) डीलरों और चार व्यापारिक संस्थाओं के नाम भी इसमें शामिल किए गए हैं. आरोप पत्र में राशन वितरण मामले में घोटाले की कुल रकम 1,000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है.
राशन वितरण मामले में रहमान बंधुओं को पिछले महीने ईडी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था. सूत्रों ने बताया कि ईडी को रहमान बंधुओं के पूर्व राज्य खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक और कोलकाता के व्यवसायी बाकिबुर रहमान के साथ घनिष्ठ संबंध होने के बारे में भी ठोस सुराग मिले हैं.
मलिक इस घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. इससे पहले, ईडी ने अदालत को गिरफ्तार मंत्री और रहमान बंधुओं के बीच मामले में हुए वित्तीय लेनदेन के विवरण से अवगत कराया था.
ईडी ने पिछले महीने कम से कम 60 छोटे राशन डीलरों के एक नेटवर्क की पहचान करने का दावा किया था, जो कथित घोटाले की कार्यप्रणाली में सीधे तौर पर शामिल थे और उनका पूर्व मंत्री से सीधा संबंध था.
सूत्रों के अनुसार, कथित घोटाले की कार्यप्रणाली यह है कि पहले तो इन राशन डीलरों ने आधिकारिक खरीद प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर खाद्यान्न खरीदा और फिर उसी उत्पाद को पीडीएस के माध्यम से बेचने के बजाय खुले बाजार में प्रीमियम कीमतों पर बेच दिया.
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आरके/