2047 तक तीन ट्रिलियन डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था बनना भारत का लक्ष्य

नई दिल्ली, 28 सितंबर . केंद्र सरकार ने 2047 तक तीन ट्रिलियन डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. भारत तेजी से दुनिया के पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है. साल 2022 में
64.4 लाख विदेशी और 78.9 लाख एनआरआई समेत कुल 1.43 करोड़ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक भारत आये थे और इस क्षेत्र का राजस्व 17.6 अरब डॉलर रहा था.

देश में 2023 में 92.4 लाख विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ, जो महामारी के बाद सकारात्मक सुधार का संकेत है. एक साल पहले की तुलना में यह 43.5 प्रतिशत की वृद्धि है.

इस वर्ष, जनवरी से जून तक विदेशी पर्यटकों का आगमन (एफटीए) लगभग 47.8 लाख रहा. जून के महीने में, विदेशी पर्यटकों का आगमन 7,06,045 रहा, जबकि जून 2023 में यह 6,48,008 था. इस प्रकार साल-दर-साल आधार पर नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

सरकार के अनुसार, कुछ चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, यह क्षेत्र निरंतर फल-फूल रहा है, जिसे बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, सस्टेनेबल प्रथाओं को बढ़ावा देने और समग्र आगंतुक अनुभव को समृद्ध करने के उद्देश्य से विभिन्न रणनीतिक पहलों से बल मिल रहा है.

बाधाओं को दूर करने और अवसरों का लाभ उठाने की प्रतिबद्धता के साथ, भारत एक अग्रणी वैश्विक पर्यटन स्थल बनने की राह पर है. पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, ‘चलो इंडिया’ अभियान के तहत, भारत आने वाले पहले एक लाख विदेशियों को निःशुल्क वीजा मिलेगा और सरकार वीजा शुल्क माफ करेगी.

मंत्रालय ने नए सिरे से बनाए गए अतुल्य भारत डिजिटल पोर्टल पर अतुल्य भारत कंटेंट हब भी लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य टूर ऑपरेटरों, पत्रकारों, छात्रों, शोधकर्ताओं, फिल्म निर्माताओं, लेखकों, प्रभावशाली लोगों, कंटेंट क्रिएटर्स, सरकारी अधिकारियों और राजदूतों सहित विभिन्न हितधारकों के उपयोग के लिए है.

पर्यटन विकास और वृद्धि में नागरिकों को शामिल करने के लिए सरकार देश भर के एयरपोर्ट्स और रेलवे स्टेशनों पर तंत्र भी शुरू कर रही है, ताकि घूमने आए पर्यटक, देश में पर्यटन आकर्षणों और स्थलों की अपनी यात्राओं पर अपना फीडबैक दे सकें.

पर्यटन और मेहमान क्षेत्र को ‘उद्योग का दर्जा’ प्रदान करने और लागू करने में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन करने के लिए मंत्रालय ने एक पुस्तिका भी शुरू की है जिसका उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करना है.

एससीएच/एकेजे