भगवान राम दलितों और गरीबों के राजा थे, राहुल गांधी ने कुछ भी गलत नहीं कहा : अतुल लोंढे पाटिल

मुंबई, 28 सितंबर . कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बयान में कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में एक भी किसान, मजदूर, बढ़ई और स्थानीय लोग नहीं दिखे. उस कार्यक्रम में सिर्फ अंबानी और देश के अमीरों को बुलाया गया था. वहां सिर्फ नाच-गाना चल रहा था और मीडिया गुणगान कर रहा था. राहुल गांधी के इस बयान के बाद से देश में सियासत गरमा गई है. कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने इस पर प्रतिक्रिया दी है.

से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान राम को हम सब जानते हैं. जब एक धोबी ने भगवान राम से प्रश्न पूछा था, तो उन्होंने सीता को भी अग्नि परीक्षा देने को कहा था. ऐसे में किसी आम आदमी या दलित को वहां प्रवेश नहीं था. इसमें सबका अधिकार था. वहां लोगों को बुलाया गया था, जो सिर्फ दिखावे के लिए आए थे. यह प्राण प्रतिष्ठा किसके लिए की गई थी? जिसके लिए भगवान राम ने इतना त्याग किया, उसे वे भूल गए. इससे पता चलता है कि वे सबरी, नल-नील, सुग्रीव और जामवंत को भूल गए हैं.

उन्होंने कहा कि भगवान राम की पहचान यही है, सबको साथ लेकर चलने की. भगवान राम की पहचान समानता की है. भगवान राम की पहचान सम्मान की है, रामराज्य की है. उस कार्यक्रम में ये सब बातें नहीं थीं, तो उन्होंने क्या गलत कहा.

हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. घोषणापत्र में महिलाओं के खाते में 2000 रुपये जमा करने का वादा किया गया है. कांग्रेस ने यही वादा यूपी में भी किया था. लेकिन वो सफल नहीं हो पाया. इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यूपी में ये शुरुआती दौर था. हमने जो वादा किया था वो शायद उन लोगों तक नहीं पहुंचा होगा. लेकिन कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल और हरियाणा तक पहुंच गया है. यूपी चुनाव के समय की स्थिति और आज की स्थिति में बहुत फर्क है. हरियाणा में बीजेपी ने जिस तरह से युवाओं के साथ खिलवाड़ किया है उसे लोग समझ चुके हैं. आपने देखा होगा कि हरियाणा के तमाम युवाओं को गलत रास्ते पर जाना पड़ रहा है. बीजेपी ने युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए बहुत ही विपरीत परिस्थितियां पैदा कर दी हैं.

आरके/जीकेटी