आंगनबाड़ी महिलाओं की मेहनत लाई रंग, स्वच्छ भारत मिशन के प्रति जागरूक हो रहे ग्रामीण

नर्मदापुरम, 26 सितंबर . स्वच्छ भारत मिशन के 10 साल पूरे होने वाले हैं. 2 अक्टूबर 2014 को यह कार्यक्रम शुरू किया गया था. ऐसे में स्वच्छ भारत अभियान का मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में काफी प्रभाव पड़ा है.

इस अभियान को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भी अहम भूमिका रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों में तैनात महिलाओं के मुताबिक, जब से यह अभियान शुरू हुआ है, उसके बाद से ही लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है.

आंगनबाड़ी केंद्र में तैनात मोनिका शर्मा ने कहा, “स्वच्छ भारत मिशन पिछले 10 साल से भारत में चल रहा है. पहले गांवों में लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक नहीं थे, लेकिन जब इस अभियान का आगाज हुआ तो उनमें साफ-सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ी. उन्होंने सूखे और गीले कचरे को अलग रखना शुरू किया. इसके साथ ही उन्हें गंदगी के कारण होने वाली बीमारियों से स्वच्छता की वजह से निजात मिली है.”

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रेणुका ने स्वच्छता अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पहले लोग अपने स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखते थे, लेकिन स्वच्छता अभियान के शुरू होने से समाज में बदलाव आया है. लोगों की पहली प्राथमिकता स्वच्छता है, इस संबंध में आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं और लोगों का चेकअप भी किया जाता है.

वहीं, दीक्षा उमरे ने बताया कि 2 अक्टूबर 2024 को स्वच्छता अभियान को 10 साल पूरे होने वाले हैं. नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से स्वच्छ भारत अभियान ने एक नई सफलता हासिल की है. हमारे द्वारा भी आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यक्रम का आयोजन होता है और इसमें गर्भवती महिलाओं, लड़कियों और बच्चों के लिए स्वास्थ्य कैंप भी आयोजित होते हैं. इसके साथ ही उन्हें स्वच्छता बनाए रखने के लिए जागरूक करने का काम भी किया जाता है.

उन्होंने आगे कहा कि हम भी लगातार स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं. स्वच्छता बनाए रखने से बीमारियां भी कम होती है, जैसे इस समय डेंगू बहुत तेजी से फैल रहा है तो इसे रोकने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.

एफएम/जीकेटी