राजनीतिक स्वार्थ के चलते ‘संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव’ मामले में नाम घसीटा गया : गजेंद्र सिंह शेखावत

जोधपुर, 26 सितंबर . केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को जोधपुर में अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ‘संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव’ मामले में हाई कोर्ट द्वारा मिली क्लीनचिट पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इसको न्याय की जीत बताया.

राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट से सांसद एवं केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ‘संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव’ मामले में पिछले पांच साल से मेरा और मेरे परिवार का कोई संबंध नहीं था, लेकिन केवल राजनीतिक विद्वेष, अपने पुत्र के हार, अपनी सिमटती हुई राजनीति का डर और राजनीतिक स्वार्थ के चलते कानून व्यवस्था का दुरुपयोग किया गया.

उन्होंने आगे कहा कि मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने के लिए तमाम प्रयास किए गए. मेरी दिवंगत माता के लिए भी अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया गया. मैंने बार-बार कहा कि मेरा दामन पाक साफ है और देश की कानून व्यवस्था इसका निर्णय करेगी. अब इस बात की खुशी है कि न्याय हुआ और अन्याय का पर्दाफाश हुआ. सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता.

मानहानि मुकदमे को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरी मां के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया गया था, उसके बाद दिल्ली में मैंने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था, वो मुकदमा चल रहा है.

बता दें कि इससे पहले बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को ‘संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव’ मामले में क्लीनचिट दे दी थी. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की तरफ से एक विस्तृत रिपोर्ट दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उनके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है और कंपनी के निदेशक के रूप में उनके इस्तीफे के बाद दिए गए कार्य को लेकर उनको दोषी नहीं ठहराया जा सकता. ऐसे में उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता. शेखावत की तरफ से दायर याचिका में एफआईआर के साथ जांच को रद्द करने की मांग की गई थी.

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ‘विश्व पर्यटन दिवस’ को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस है. पूरे विश्व में पर्यटन को लेकर बहुत संभावनाएं हैं. हाल ही में जी-20 में शामिल देशों ने भी इस बात पर जो दिया है कि आने वाले समय में टूरिज्म बेस इकोनॉमी पर काम हो.

एससीएच/जीकेटी