भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 9.52 लाख करोड़ रुपये हुआ, मोबाइल फोन निर्यात 1.2 लाख करोड़ रुपये के पार

नई दिल्ली, 26 सितंबर . प्रोडक्शन लिंक्ड इसेंटिव स्कीम (पीएलआई) स्कीम के कारण देश में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का प्रोडक्शन बढ़कर 9.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो 10 साल पहले 1.9 लाख करोड़ रुपये था. समीक्षा अवधि में इसमें 17.4 प्रतिशत के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़त हुई है. सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई.

सरकार द्वारा बताया गया कि पीएलआई से मोबाइल सेक्टर को काफी फायदा हुआ है. इससे प्रोडक्शन वैल्यू 6.61 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है, जो लक्ष्य से अधिक है. वहीं, इस सेक्टर में 9,100 करोड़ रुपये का निवेश देखने को मिला है, जो कि निर्धारित किए गए लक्ष्य से ज्यादा है.

मोबाइल पीएलआई योजना के तहत पांच साल की अवधि के दौरान 2023-24 में 4.39 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2026 तक 8.12 लाख करोड़ रुपये का संचयी उत्पादन हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

वित्त वर्ष 2023-24 में 1.2 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल का निर्यात किया गया था. यह 2014-15 के आंकड़े से 77 गुना अधिक है.

भारत की ओर से 2014-15 में 1,566 करोड़ रुपये के मोबाइल का निर्यात किया गया था.

आईटी मंत्रालय के मुताबिक, मोबाइल पीएलआई स्कीम में करीब 1.22 लाख रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं, जो कि लक्ष्य से अधिक है.

मौजूदा समय में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल उत्पादक देश है. सैमसंग, एप्पल और गूगल जैसी कंपनियां भारत में अपने लेटेस्ट मोबाइल फोन का उत्पादन कर रही हैं.

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया था कि बीते छह वर्षों में देश में मोबाइल फोन का उत्पादन तीन गुना बढ़ा है और साथ ही मोबाइल फोन के निर्यात में 100 गुना की बढ़ोतरी हुई है. यह दिखाता है कि भारत की मोबाइल फोन इंडस्ट्री विकसित हो चुकी है.

एबीएस/एसके