हिजबुल्लाह के साथ नहीं हुआ कोई युद्धविराम: इजरायल

यरूशलम, 26 सितंबर . इजरायल ने गुरुवार को इस बात से इनकार किया कि वह लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह और लेबनानी राजनीतिक दलों के साथ युद्धविराम पर सहमत हो गया है. एक बयान में इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने कहा कि “युद्धविराम संबंधी रिपोर्ट असत्य है.”

पीएम ऑफिस ने कहा कि नेतन्याहू ने उस युद्ध विराम प्रस्ताव पर ‘कोई प्रतिक्रिया नहीं दी”, जिसकी मध्यस्थता संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस ने की थी.

शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक गुरुवार को इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल कैट्ज ने कहा कि उनका देश युद्ध विराम पर विचार नहीं करेगा. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘युद्ध विराम नहीं होगा.’ उन्होंने कहा कि देश हिजबुल्लाह के खिलाफ अपनी लड़ाई ‘जीत तक और जब तक निवासी उत्तर में अपने घरों में वापस नहीं लौट सकते, तब तक जारी रखेगा.’

इससे पहले इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच अमेरिका और सहयोगी देशों ने 21 दिनों के युद्धविराम की अपील की. इजरायली हमलों की वजह से लेबनान में 600 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

यह अपील बुधवार को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और कतर की ओर से की गई.

संयुक्त बयान के अनुसार, “8 अक्टूबर 2023 से लेबनान और इजरायल के बीच हालात बर्दाशत से बाहर हैं और इनकी वजह से व्यापक क्षेत्रीय तनाव का जोखिम पैदा हो गया है. यह किसी के हित में नहीं, न ही इजरायल के लोगों के और न ही लेबनान के.”

संयुक्त बयान में कूटनीतिक वार्ता के लिए 21 दिवसीय युद्ध विराम की अपील की गई. यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव (यूएनएससीआर) 1701 के अनुरूप है, जिसने 2006 के इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध को समाप्त किया था.

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हालिया संघर्ष का कारण पिछले दिनों लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी को निशाना बनाकर किए गए रहस्यमय विस्फोट हैं. इनमें कई लोग मारे गए और हजारों की संख्या में लोग घायल हो गए.

हिजबुल्लाह ने इन विस्फोटों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि इजरायल ने धमाकों की जिम्मेदारी नहीं ली.

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