फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए भारत का किया समर्थन

न्यूयॉर्क, 26 सितंबर . फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्य के रूप में भारत को शामिल किए जाने का पुरजोर समर्थन किया. उन्होंने जर्मनी, जापान, ब्राजील और दो अफ्रीकी देशों की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया.

मैक्रों ने गुरुवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में आम बहस को संबोधित करते हुए कहा, “जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो ऐसे देश भी होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित करेगा. नए निर्वाचित सदस्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए.”

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र के भीतर सुधारों की जरुरत पर बल दिया ताकि इसे और अधिक प्रभावी और प्रतिनिधित्व देने वाला बनाया जा सके.

मैक्रों ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र को समाप्त नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि आज की वास्तविकताओं के मुताबिक इसमें सुधार किया जाना चाहिए.” उन्होंने कहा कि वर्तमान सुरक्षा परिषद, जो अक्सर परस्पर विरोधी हितों के कारण रुकी रहती है, को बदलने जरुरत है.

मैक्रों ने कहा, “क्या कोई बेहतर प्रणाली है? मुझे नहीं लगता. इसलिए आइए हम संयुक्त राष्ट्र को और अधिक प्रभावी बनाएं, सबसे पहले शायद उसे अधिक प्रतिनिधित्व देने वाला बनाएं. यही कारण है कि सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में फ्रांस और मैं एक बार फिर आवाज बुलंद कर रहे हैं.”

इससे पहले, चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट ने भी सुरक्षा परिषद में भारत को शामिल करने की वकालत कर चुके हैं.

भारत की यूएनएससी में स्थायी सदस्यता की मांग को जो बाइडेन सहित अन्य वैश्विक नेताओं का समर्थन मिला है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी हालिया द्विपक्षीय बैठक के दौरान भारत की दावेदारी के लिए वाशिंगटन के पूर्ण समर्थन को दोहराया.

रूस भी स्थायी सीट के लिए भारत की मांग का समर्थन करता रहा है. देश के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने वार्षिक संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम के दौरान परिषद में विकासशील देशों के अधिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर जोर दिया.

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